देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी बचावे के परी
लंगटा ह लंगटे रही लंगटे ई गाई
माई बहिन के ई अपने गरिआई,
अपना के बुझेला बड़का गवईया
बेटी बहिन के ई मंच प लुटाई।
इजत के बेंच...
देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी कविता
मुरारी कहां भेंटईहें
भरल बाडे़ दुशासन सगरो
चीर कहां से अईहें,
करीं अरज कर जोडि़ के
मुरारी कहां भेंटीहें।
डेगे डेगे चीर खींचाता
द्रौपदी के लाज के,
भीष्म बनि देखतरुए
ई दुनिया...
सौरभ कुमार जी के लिखल भोजपुरी कविता तोहार शहर से अच्छा मोरा गाँव
तोहार शहर से अच्छा मोरा गाँव $$$
तोहर शहर से अच्छा मोरा गांव $$ बा
कुईया के ठंढा पानी 2 अउर पिपरा के छाव बा
तोहार शहर...
देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी कविता हम भोजपुरीया
दुखवा कलेसवा में हिमत ना हारीला,
सुखवा में कबो ना धाधाईं भोजपुरीया।
सभके हो सुख चैन इहे हम मनाईला,
दोसरा के दुख के संघाती भोजपुरीया।
महला दुमहला के...
सौरभ कुमार जी के लिखल भोजपुरी कविता रे माई
तोहरा से मिलल ई सास तोहरे से मिलल ई जीवन रे माई,
तोहरे से ई सब रिश्ता तोहरे से जुडल ई तन-मन रे माई,
दुनिया ता...
सौरभ कुमार जी के लिखल भोजपुरी कविता बेटी
तुही ता हमार ताकत होउ ये माई
हमरा के कोखिये में मत मारा ये माई
आइब एह दुनिया में तोहर नाम रौशन करब
दुःख दर्द सहब केहू...
शशिकान्त पाण्डेय जी के लिखल चार गो भोजपुरी कविता
रोज रोइला चिल्ला के
करीबी ह सुन के दहाड़ के
बाकी हम का करि हो
समझ ना पाई छुपल हरकतवा के
रिश्ता के...
विबेक कुमार पांडेय जी के लिखल तीन गो भोजपुरी कविता
हम ना जननी कि अइसन जुटान होइहें
माई भाखा में गंगा असनान होइहें
सभ चेहरा खिलल बा रंगे प्यार से
सभे गले मिल रहल बा दिली...
डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी कविता
लइकन सबके कविता पढ़ावल जरूरी बा
पथराइल आँखन में गंगा बहावल जरूरी बा
दिलन के दरार के दूरी मिटावल जरूरी बा I
परदा के पीछे...
संजय कुमार मौर्य जी के लिखल चार गो भोजपुरी कविता
ईमान सबका लगे
ईमान सबका लगे ओरा गइल बा
लाज कवनों ठंइया हेरा गइल बा
अब केहूए त झण्डा उठइबे करी
अनीति से करेजवा पीरा गइल बा
ई देश,...
विवेक सिंह जी के लिखल भोजपुरी कविता नारी सम्मान
शक्ती के स्वरूप से,
नारी के पत्वारी बा!
एकरा के कमजोर मत समझअ,
ई देश-दुनिय पे भारी बा!
सब के हित मे सोचे,
ई नारी के शुबिचारी बा!
जे ममता...
दहेज प लिखल तारकेश्वर राय जी के दू गो कविता
दहेज
बाप देखीं बेटा के, बोली लगवले बा |
देवे वाला ख़ुशी से, गर्दन झुकवले बा ||
मोल भाव होता, देखीं सपना के ||
शान से बेचता, केहू...
भोजपुरी कविता जनमावे वाली माई
मॉस के लोथा के, आकार देहलस माई |
आपन खूनवा से सींच के, जनमवलस माई ||
बोले, बतिआवे, संस्कार, देहलस माई |
खूबी रिश्ता, नाता, के चिन्हवलस...
देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी कविता
भोजपुरी कविता काशी धाम
काशी के का कहीं कहल ना जाव
स्वर्ग के समान सांच गंगा में नाव।
पावन पुनीत जल एहीजे भेंटाई
जीनीगी बितावे के असली ह...
तारकेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता फगुवा ह फगुवा
पुरनकी पतईया, फेड़वा गिरावे |
जइसे गिरहथ, कवनो खेतवा निरावे ||
नईकी पतइया बदे, जगहा बनावे |
जायेके बा एक दिन, इहे समझावे ||
चईती फसलिया बा, गदराइल...
तारकेश्वर राय जी के लिखल तीन गो भोजपुरी कविता
भोजपुरी कविता फैसन के हावा
बहल बा अइसन, एगो पछिमा हावा |
फार के कपड़ा, पहिरल जाता नावा ||
कपड़ा पहिरल जाला, तन ढ़ाके के |
पहिरल जाता...
देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी कविता दारा राग
सुनी सभे आपन बा बतावतानी
घर के प्रेम प्रीत राग सुनावतानी।
भोरे पराती रोजे सुनाई
बीबी भैरवी पंचम में गाईं।
सातो सुर आ सातो थाट
हरदम खोजे मेहरि घाट।
जे...
तारकेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता सालो भर प त गाँवे आई
घूमे आ बचवन के घुमावे आई
रिश्ता आ नाता चिन्हावे आई
ढेका जांत पीढ़ा आ मचिया
एकरा के देखावे आई
मम्मी पापा अंकल आ ऑन्टी ,
नाता एकरा सिवा...
देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी कविता मुंह कहवां बोरीं
कह ए भोजपुरिया भईया
हीक भ भोजन कहां झोरी
कमाईल त मिलत नईखे
कह मुंह कहवां बोरीं?
कतना दिन ले आस लगवनी
कुछ कटि जाई दिन मोर
तुहीं कह...
डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता आइ हो दादा
सपना देखनीं भोरहरिया
आइ हो दादा,
मुखिया हो गइल मोर मेहरिया
आइ हो दादा ।
हमरा दुअरा उमड़ रहल बा
सउँसे गाँव जवार,
लाग रहल बा देवीजी के
नारा बारम्बार,
डीजे बाजता...