बिहार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बीते तीन सालों से आयोजित हो रहे ‘बिहार : एक विरासत कला एवं फिल्म महोत्सव’ का आयोजन इस बार 5 और 6 अक्टूबर से पटना के ज्ञान भवन में किया जायेगा। ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन द्वारा प्रस्तावित इस कार्यक्रम का मकसद बिहार की कला व संस्कृति का प्रचार – प्रसार विश्वभर में करने की है। ये जानकारी आज बिहार विकास फिल्म एवं वित्त निगम के पूर्व एमडी गंगा कुमार ने राजधानी पटना के स्थानीय बीआईए भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी।
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इस दौरान श्री कुमार ने कहा कि बिहार : एक विरासत कला एवं फिल्म महोत्सव 2018 में इस बार कई नई चीजें देखने को मिलेंगी। इस दौरान ‘उत्साह’ नाम से एक फ्युजन म्यूजिक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ‘बिहार : एक विरासत कला एवं फिल्म महोत्सव 2018’ में राज्य के नौ प्रमंडलों से चयनित कलाकारों द्वारा लोकगीतों व लोक नृत्यों (झिझिया, झरनी, झूमर, जाट – जाटिन) की प्रस्तुति की जायेगी। साथ ही इन नौ प्रमंडल के बच्चों के बीच राज्य स्तरीय लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा, जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान रहने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया जायेगा। इसके अलावा ज्ञान भवन में आयोजित होने वाले ‘बिहार : एक विरासत कला एवं फिल्म महोत्सव 2018’ में एक विरासत म्यूजिक अलबम भी लांच किया जायेगा। इस अलबम में प्रख्यात एवं प्रतिष्ठित कवि जैसे – स्व रामधारी सिंह दिनकर, स्व. नागार्जुन, स्व. गोपाल सिंह नेपाली और अरूण कमल के लोकप्रिय कविताओं का म्यूजिक संकलन किया गया है।
गौरतलब है कि ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन अपने कैंसर जागरूकता के अलावा अपने सामाजिक कार्य क्षेत्र के अंतर्गत बिहार : एक विरासत के माध्यम से बिहार के लुप्त हो रहे सांस्कृतिक, पारंपरिक एवं बिहार के विरासत को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता अभियान चलाता रहा है। बिहार भाषा एवं संस्कृति के दृष्टिकोण से पांच भागों में विभाजित है – अंगिका, वज्जिका, मगही, भोजपुरी और मैथिली। इन पांचों की संस्कृति भी विविधताएं हैं। जैसे भोजपुर का चैता, कजरी, सोहर एवं कटनी नृत्य और मगध का देवाश एवं छठ पूजा विश्वभर में प्रसिद्ध है। अंग प्रदेश में बिहुला विषहरी लोक गाथा और मिथिला में राम विवाह के अवसर पर गाये जाने वाले संस्कार वाले गीतों का अपना ही महत्व है।
संवाददाता सम्मेलन में गंगा कुमार के अलावा, पद्मश्री डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ शांति जैन, प्रसिद्ध गायिका रेखा झा, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, ग्रामीण स्नेह फाउंडेश्न के बिहार चैप्टर के प्रवक्ता विनोद चौधरी, डॉ प्रभात रंजन, बीआईए के बिल्लू खेतान, पीआरओ रंजन सिन्हा, उत्साह के फरोग आजम समेत फाउंडेशन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।