तोहार शहर से अच्छा मोरा गाँव $$$
तोहर शहर से अच्छा मोरा गांव $$ बा
कुईया के ठंढा पानी 2 अउर पिपरा के छाव बा
तोहार शहर से अच्छा मोरा गाव बा
सुहावन मन भावन लागे भोर के किरिनियाँ
मस्ती में झूमी झूमी नाचेलि मोर मोरिनियाँ
आमवा के बाग में कोयली के वाग बा
तोहार शहर से अच्छा मोरा गांव$$ बा ।
पिपरा के निचे ठंढ़ा कुइया के पानी
पनिया भरत में गोरी लागेली रानी
चाल चले जइसे नदी के हिलकोर
कमर बीचे गगरी सोभे जैसे नदी बीचे नाव बा
तोहार शहर से निमन मोरा गाव बा
कुईया के ठंढा पानी 2 पिपरा के झाव बा $$
मोटर के शोर नइखे ना भीड़ के बा मारा मारी
आपस में सभें मेल में बा बा सबका से ईय्यारी
गाव के बीचे लागल काका लोग के चौपाल बा
तोहार शहर से निमन मोरा गाव बा $$
भोरे भोरे पंडित जी आरती गावेले
गुरु जी ज्ञान के बात सिखावेले
मंगरु के हाथ में लाठी 56 इंची छाती
घूँघट में भौजी के मुखड़ा लगे जइसे बदरी से निहारत चाँद बा $$
तोहार शहर से निमन मोरा गाव बा
कुईया के ठंढा 2 पानी पिपरा के झाव$$बा
तोहार शहर से निमन मोरा गाव बा $$$$$$
शुद्ध बा हवा इहवाँ शुद्ध अन बा खायेके
शुद्ध जल बा नदिया तालाब के नाहायेके
सीधा बाड़े लोग ईहवा शुद्ध बाटे बोली
काकी के बोलिया में ना छल ठिठोली
सरपंच जी के हरदम मोझीये पे ताव $$ बा
तोहार शहर से निमन मोरा गाव$$$ बा
कुईया के ठंढा 2 पिपरा के छाव बा $$
इहो पढ़ी: सौरभ कुमार जी के लिखल तीन गो भोजपुरी कविता आ गीत
ध्यान दीं: भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े खातिर जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं