भोर : कक्षा 8 खातिर भोजपुरी पाठ्य-पुस्तक
मातृभाषा कवनो विषय के ज्ञान प्राप्ति के सबसे नीमन आ सुगम साधन बा। कवनो चीज के जानकारी कवनो दोसर भाषा का माध्यम से ग्रहण कइल तरहत्थी पर दूब जमवला जइसन होलापहिले ओकरा मने-मने आपन मातृभाषा सोंचल जाला तब समझल जालामातृभाषा का माध्यम से कवनो चीज सीधे समझ में आ जा ला। शिक्षा के गुणात्मक विकास में मातृभाषा के महत्त्वपूर्ण योगदान होला।
बीस करोड़ लोगन के भाषा भोजपुरी के समृद्ध शब्द-भंडार आ भरल-पूरल साहित्य संसार बा। भोजपुरी भाषा-भाषी विद्यार्थियन ला मातृभाषा का रूप में भोजपुरी के पठन-पाठन समय के पुकार रहे। एही सन्दर्भ में भोजपुरी पाठ्य-पुस्तक के निर्माण कार्य में हाथ लगावल गइल। भोजपुरी पढ़े वाला विद्यार्थियन के पाठ्य-पुस्तक के माध्यम से ज्ञान देवे के शुरुआत वर्ग 6 में ‘दीया-बाती’ से भइल। वर्ग 7 में ‘अँजोर’ उनन्हन के मातृभाषा के ज्ञान आउर विकसित कइलस।
अब भोर एक डेग आगे बढ़ के ज्ञानार्जन का संगे-संगे भाषिक क्षमता बढ़ावे में आपन सहयोग करी। वर्ग 7 के ‘अँजोर’ आ वर्ग 9 के ‘पान-फूल-1’ के ध्यान में राख के वर्ग 8 के विद्यार्थियन के बौद्धिक आ भाषिक क्षमता के संगे उपयोगिता के ध्यान में राख के एह पुस्तक में पाठन के चयन कइल गइल बा। कुल्हि पाठ के चयन एह दृष्टिकोण से भइल बा कि ई विद्यार्थियन के भाषिक क्षमता बढ़ावे, मानसिक विकास का ओर अग्रसर करे, देश-दुनिया आ समाज से संबंध जोड़ के अधिका-से-अधिका जानकारी प्रदान करे। एह में इहो उद्देश्य के ख्याल राखल गइल बा कि चिन्तन गतिशील होखे, बुद्धि के विकास होखे आ पढ़े-लिखे के प्रवृत्ति जागेपाठन के चयन में परिवेश आ रुचि के विशेष ध्यान राखल गइल बा
‘भोर’ में कुल पन्द्रह गो पाठ बा जवना में दस-गो गद्य पाठ आ पाँच गो पद्य पाठ संकलित बा। गद्य पाठ में कहानी, निबन्ध, पत्र शैली में यात्रा-वर्णन, एकांकी आदि विधन के सहेजल बा जबकि पद्य पाठ में संत काव्य, ऋतु वर्णन, देशभक्ति, राष्ट्रीयता, भारतीय जनजीवन से संबंधित पाठन के समावेश बा। भाषा के यथासंभव सरल आ बोधगम्य बनावे के हर संभव प्रयास कइल गइल बा। हरेक पाठ का अंत में शब्द भंडार का माध्यम से कठिन शब्दन के अर्थ विद्यार्थियन के सुविधा ला दिहल बा। भाषा-कौशल पढ़े-समझे में गति लावे आ चिन्तन के अवसर के ध्यान में राख के वस्तुनिष्ठ, लघु उत्तरात्मक, दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्नन का संगे पाठ से बाहर के ज्ञान अर्जित करे ला आ रचनात्मक प्रवृत्ति उत्पन्न करेला परियोजना कार्य दिहल गइल बा। पर्याय, विलोम, श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्दन का अलावे वाक्य भेद, संबंधी प्रश्नन का माध्यम से व्याकरणीय ज्ञानार्जन के प्रयास बा।
भोर : कक्षा 8 खातिर भोजपुरी पाठ्य-पुस्तक डाउनलोड करे खातिर नीचे दिहल लिंक प क्लिक करीं
भोजपुरी किताब डाउनलोड करे खातिर क्लिक करीं
रउवा खातिर
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
जानवर के नाम भोजपुरी में
भोजपुरी में चिरई चुरुंग के नाम
इहो पढ़ीं
भोजपुरी गीतों के प्रकार
भोजपुरी पर्यायवाची शब्द – भाग १
भोजपुरी पहेली | बुझउवल
भोजपुरी मुहावरा और अर्थ
अनेक शब्द खातिर एक शब्द : भाग १
लइकाई के खेल ओका – बोका
भोजपुरी व्याकरण : भाग १
सोहर
ध्यान दीं: भोजपुरी फिल्म न्यूज़ ( Bhojpuri Film News ), भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं।