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सौरभ कुमार जी के लिखल भोजपुरी कविता रे माई

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अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी
अभियंता सौरभ भोजपुरिया जी

तोहरा से मिलल ई सास तोहरे से मिलल ई जीवन रे माई,
तोहरे से ई सब रिश्ता तोहरे से जुडल ई तन-मन रे माई,

दुनिया ता देले ठोकर हरदम ।
एक तोहरे गोद जवना में झुलनी हम
उ तोहार लोरी जवना के सुन के सुतत रहनी हम
तोहरे साथ रहला से ना होखे हमारा कबो गम

ना जाने कहवा चल गइलू रे माई
एक बेर फेरु वापिश आउ रे माई
तोर याद बहुत आवेला सत्तावेला रे माई
तोर साथ के बीतल हर पल रोवावेला रे माई ।

आपस में लड़ी जब हमनी के भाई बहिन
तब तू समझावत रहलु दुनो मिल के साथ में रहिन
दुःख अपना मन के ना बतावत रहलु तू
देख के हरदम हमरा के हँसत रहलु तू
खाली पेट हमरा के ना कबो सुतावत रहलु तू
खाली पेट भलही सोवात राहलु तू

ना जाने कहवा चल गइलू रे माई
आज इतना बोलावलो पर काहे ना आवे लू रे माई
तोहरा साथ के बचपन बहुत रोवावेला रे माई

आज हमारा जिंदगी में जवन ख़ुशी के बहार बा
उ त प्यार दुलार तोर दीहल आशीर्वाद बा
तोहर बात अभी ले ना भुलाईल बानी हम
जिंदगी में बहुत दुःख सहले बानी हम
तू नजर ना आवे लू कही रे माई
तोहर एहसास हरदम साथ रहे ला रे माई
ना जाने कहवा तू चल गइलू रे माई ।।।।।

अब ता बोलवालो पर खुशियां पास ना आवेले
तोर साथ के बीतल पल पल बहुत रुलावेले ।।।।।।।

सौरभ भोजपुरिया

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