गरमी बेसरमी ह
निदरदी ह
सुखा देला / ताल तलैया के पानी
हरियाली के निसानी
फुलवान के जवानी
बादल के कहानी / चोरा ले ला / कहीं ना
लउके ला तरान / फक फक परान / बून बून
पानी ला लोग हरान / परसान
गरमी पईसा के कठोर ह / टांगी नियर
गुमानी से उपजल गरमी / बड़ा कटीला ह
शुरू में ना बुझाला / ना पिराला
पोठइला पर दोसरा के संगे
अपने के जरा लेला
अपने के हरा लेला
बाकिर बुझाला ना / काहे कि
गरमी के चश्मा से कुछुउ / सुझाला ना
गरमी जवानियों में ह
उफ़नाला दूध नियर त
हलचल मचा देला
भाई बाबु के मरजी बिना
घरवा बसा लेला / नतीजा
जिनिगी नरक हो जाला
ना एनही के होला / न ओनही के
जईसे धोबी के कुत्ता ….
रचनाकार: संतोष कुमार, संपादक : भोजपुरी जिंदगी
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द