मैथिली कोकिला कहे जाने वाली लोक गायिका अंशुमाला झा हमारे बीच नहीं रही. अंशुमाला जी पिछले बहुत दिनों से बीमार चल रही थी आज सुबह पटना में उन्होंने अंतिम सांस ली.
गीत संगीत को समर्पित इस हसीन चेहरे की हसीं और सुरीली आवाज आज गुम हो गई। इसे गीत संगीत को काफी छति पाहुची है, कुछ समय पहले पटना में बीमार पड़ने के बाद उनकी दोनों किडनी खराब होने की बात सामने आई थी, पर आर्थिक तंगी से जूझते हुए भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बहुत से लोगों के सहयोग और दुआ से उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट दिल्ली के सर गंगा राम अस्तपताल में ही किया गया। उनकी मां जो कि ख़ुद एक लोकगायिका हैं, उन्हें अपनी एक किडनी देकर फर्ज पूरा किया.
परिवार में उनकी मां पटना में रहती हैं जो स्वयं किडनी देने के बाद बीमार रहती हैं. ससुराल के लोगों ने उन्हें पहले ही तकलीफ में देखकर साथ छोड़ दिया।
पटना के मगध महिला कॉलेज से होते हुए दिल्ली के मशहूर मिरांडा हाउस तक पहुंचकर अपनी शिक्षा के लिए रास्ता खुद बनाने वाली अंशु माला ने एमए और संगीत में पीएचडी की उपाधि हासिल की।
मूल रूप से मधुबनी जिले की अंशुमाला ने न सिर्फ मैथिली बल्कि भोजपुरी गायन के क्षेत्र में भी अपना एक अलग मुकाम हासिल किया।
अपनी मां से संगीत और सुर उन्हें विरासत में मिला पर अपनी मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने इसे भरपूर निखारने का काम किया जिसके लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से उन्हें शास्त्रीय गायन में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रवृति भी मिल चुकी है. पहले भी वह ऑल इंडिया रेडियो पर नियमित रूप से शास्त्रीय गायन और गजल के कार्यक्रम पेश करती रही हैं।
टीम जोगिरा की तरफ से मैथिली कोकिला अंशुमाला जी को भावभीनी श्रद्धांजलि।