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प्रिंस रितुराज दुबे जी के लिखल भोजपुरी कविता भारत से इंडिया ले

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प्रिंस ऋतुराज दुबे
प्रिंस ऋतुराज दुबे

जवन भारत सभ्यता आ संस्कृति कऽ केंद्र होत रहे
आज उऽ फूहर इंडिया हो गईल बा |

जेकरा के मर्यादा आ सुनरता के जननी बुझल जात रहे
आज उऽ अश्लीलता के मास्टर हो गईल बा |

भारत आज भारत ना रहल इंडिया हो गईल बा
फूहर अमर्यादा आ अश्लील करम के सर्वदाता हो गईल बा |

जाने कहवा गईल हमनी के अकल
जाईज नाजाइज में फरक ना बुझाला
आज के इंडिया माने गोरा राह सही बुझाला |

दईब कऽ मंदिर सबके ठिकाना
सत्कर्मी आ कुकर्मी दुनो लोग जाला |

दईब (भगवन) हमन के एके जईसन बाड़े बनवले
आज कऽ नारी के भुईया से अन्तरिक्ष ले सफ़र करवले |

आज के उन्नति आ समृद्ध भारत के मेल बड़ी निक लागी
जब सीता आ लक्ष्मीबाई जईसन शुद्ध आत्मा के जोग रहित |

सुने में आवेला की इतिहाश अपना के दोह्रावेला
उघारे आईनी जा भुईया पऽ आ उघारे आज के कहानी बा |

फुहरता कऽ एगो अवुर कहानी गाना में लउके आ सुनाला
गावे ले गीत फुहर आ मिडिया में मर्यादा के पाठ होला |

“यो यो” कऽ अईसन गाना सघे ना सुनल भा देखल जा सकेला
मिडिया में अपने के बहुत सीधा बतावास , आज क इंडिया सुनले जाता |

फूहरपन के धवुड में केतना जने धउड़ता
केहू सीधा तऽ केहू उल्टा कान धरता |

भारत के पहचान सनातन आ इ विश्व निर्माण समाज के श्रोता रहे
भोर परल बा इ सभ्यता इंडियो नहीं सत्कार करे |

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म के नाव होता खूब लडाई
आरे भाई उऽ भारत से सभे सिख ली जहा होत रहे सम्मान के पढाई |

भोजपुरी चाहे पंजाबी हिंदियो के ना छोडले बा लो
अश्लीलता के समुन्दर में सबके डूबकी लगवले बा लो |

भारत में ना अईसन होत रहे ना होखे आतंग्वाद के सप्लाई
आज इंडिया में अतंग्वाद पऽ करवाई छोड़ के टीवी पऽ होता डिवेट भाई |

इंडिया में एगो चलन बा चलल भोरपरता आपन मूल अस्तित्व
उऽ भारत में ना अईसन होखे मिलत रहे भाषा आ देश के सम्मान भाई |

भारत के कृष्ण योगी रहले अद्भुत रहे उनकर माया
इंडिया में लोग राशरशिया बतवले सम्मान ना कईले उनको भईया |

आई सभे प्रन कईल जाव देश संस्कृति क धयान कईल जाव
भारत से इंडिया ले ज्ञान के धारा खूब बहावल जाव |

ना हमनी इंडिया के बदनाम कईल जाई
भारत से कुछो सिख लिहल जाई |

…………….जय माई भारती……………..

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