अधिकार खातिर लडे ला आत्मसम्मान त बा नू ।
आजु कुछ ना सही हथेली पर जान त बा नू ।।
क ल तू अपमान जेतना भी उपनाम दे के ।
धरती से सोना उब्जावे के गुमान त बा नू ।।
चला ल जेतना भी पथ्थर हमरा लाचारी पर ।
शहर में तोहार शिशावाला मकान त बा नू ।।
संघर्ष के गीत गावे ला नइखे सँगे शुर ताल ।
त का भइल आवाज मेँ दर्द के तान त बा नू ।।
सपना बा जिए के जिनगी इज्जत के एक दिन ।
पुरा होई ई जरूर सच्चा इमान त बा नू ।।
शोषण करबऽ कहिया लेक दोसरा के दम पर ।
छिन ली अधिकार , हमरो बंश मेँ जवान त बा नू ।।