आज कल भोजपुरी आयोजनन में फ़िल्मी गायक आ अभिनेता लोगन के बोला के सांस्कृतिक कार्यक्रम के बहाने वातावरण के प्रदूषित कइल जा रहल बा |
आयोजन में कार्यक्रम के व्यवसायिकरण के ई प्रक्रिया भोजपुरी भाषा,संस्कृति आ साहित्य के विकास आ संवर्द्धन के दिशा में उचित नइखे |
भोजपुरी आयोजन में पहिले कवनो लोक गीत गायक भा नाट्य मंडली के सांस्कृतिक कार्यक्रम में बोलावल जात रहे |
ऊ सांस्कृतिक कार्यक्रम भोजपुरी के प्रचार प्रसार के दिशा में एगो स्वस्थ परम्परा रहे | भरत सिंह भारती, स्वर्गीय विन्ध्यवासिनी देवी, शारदा सिन्हा, मैनावती देवी आदि जइसन लोकगीत गायक लोग आ भिखारी ठाकुर,इप्टा, स्थानीय नाट्य संस्था के मण्डली के बोलावल जात रहे |
अब समय बदल गइल बा | अब नयका गायकन आ सिनेमा से जुड़ल हस्तियन के बोला के मंच उनका लोग के समर्पित क दिहल जाता | ओह में हास्य व्यंग्य से लेके अश्लील गीतन तक के प्रस्तुति होता |
लोग के खूब जुटान होता बाकिर भोजपुरी संस्कृति के अइसन कार्यक्रम स्मपोषित नइखे कर पावत | भोजपुरी के लोग मनोरंजन के भाषा समझता,एकरा से हमनी के बाहर आवे के होई |
ई भोजपुरी के आयोजक लोगन के मानसिकता के दर्शा रहल बा | भोजपुरी के शुद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम त बहुत पीछे छूट जाता | ई एगो दुर्भाग्यपूर्ण सन्देश भोजपुरी आ भोजपुरी समाज जनता के बीच जा रहल बा |
राजेश भोजपुरिया
राष्ट्रीय संयोजक, भोजपुरी जन जागरण अभियान