बेगवान समय के धारा में लोकजीवन, लोक संस्कृति, लोक साहित्य के ना जाने का का दहा गइल आ का का दहाये वाला बा । जवन बाचल बा ओके क्षरण से रोके में लागल संस्था जय भोजपुरी – जय भोजपुरिया के आज 29-7-2018 स्थापना दिवस ह ।
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आजे के दिन तीन बरिस पहिले वाट्सप ग्रुप के माध्यम से इ आकार लिहलस आ समय के साथ साथ एकर सदस्य लोग के सामूहिक प्रयास से इ संस्था के रूप में बदल गइल । एके इ लोग संस्था ना परिवार कहल ज्यादा पसंद करे ला ।आज एकरा अँकवारी में हजारो भोजपुरी भाषा भाषी गावं, कस्बा, महानगर के सीमा के लांघ के विदेश के जमीन से भी जुड़ल बान, आ जुड़े क गती अनवरत जारी बा । अपना नवका पीढ़ी के आ जे एकरा से मुहं मोड़ ले ले बा चाहे कारण कवनो होखे ओकरा के अपना बोली में बोले के उकसावे खातिर लगातार पढ़े लिखे के प्रेरित करे खातिर एगो अउरी डेग बढ़वले बिया आ तिमाही भोजपुरी ई-पत्रिका सिरिजन लेके रउवा सब के सोझा तैयार बिया ।
आज स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर एकर लोकार्पण देश के अलगा अलगा जगह से एक साथ हो रहल बा । अब इ पत्रिका ऑनलाइन पाठक के सुलभ बा पढ़े खातिर, आपन मर्जी से सुविधानुसार www.sirijan.com से डाउनलोड कइल जा सकता, रउवा त पढ़बे करब और हित, मीत, जानकार सभके प्रेरित करीं मादरी जुबान में रचल साहित्य के पढ़े खातिर ।
दिल्ली आ एनसीआर में रहेवाला जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया के सदस्य लोग आ बृज बिहार पूर्वांचल समाज के सयुंक्त उतजोग से तिमाही ई-पत्रिका सिरिजन के लोकार्पण अउरी कवि गोष्ठी के आयोजन मास्टर माइंड प्लस, डबल स्टोरी मार्किट, बृज बिहार, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश में भइल । येह कार्यक्रम में हर उमिर जाती धर्म के भोजपुरी भाषा भाषी लोग अधिक संख्या में बिपरीत मौसम के बावजूद एक जगह इकठा भइले, संस्था के बरिष्ठ सदस्य आ पत्रिका के उपसंपादक श्री तारकेश्वर राय, ब्यूरो चीफ श्री संजय कुमार ओझा, दिल्ली एनसीआर के प्रतिनिधि श्री राम प्रकाश तिवारी, आ बृज बिहार पूर्वांचल समाज के बरिष्ठ सदस्य जगदीश जी आ अउरी गणमान्य लोगन के साथ दिया जरा के बागेश्वरी बंदना से कार्यक्रम के समहुत भइल, संस्थापक सदस्य आ पत्रिका के ब्यूरो चीफ श्री संजय कुमार ओझा जी अब तक के जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया के सफर के लेखा जोखा श्रोता लोग के सामने रखले । पत्रिका के लोकार्पण भइल सभागार में उपस्थित श्रोता लोगन के थपरी के साथ ।
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एकरा बाद कवि गोष्ठी के आगाज भइल | राम प्रकाश तिवारी जी मंच संचालन के बखूबी अंजाम दिहले, गुडगाँव से आमंत्रित युवा कवि विबेक पांडेय के कविता “लागल प्रेम के बेमारी, मिलल आधुनिक नारी, दिहलस घरवा उजारी” क कविता से कवि गोष्ठी के आगाज भईल, विबेक पांडेय क कविता खूब थपरी बटोरलस श्रोता लोग के, ततपश्चात श्री संजय कुमार ओझा जी के कविता “कुछ उ बोली, चुप जिन रहीं” के माधयम से आधुनिक समाज प निम्न ब्यंग्य कइल । श्री तारकेश्वर जी की कविता “तोहसे कहाँ कवन गलती भईल ये बिधाता” श्रोता लोगे के सोचे प मजबूर कइलस, राम प्रकाश तिवारी क कविता “सब केहू बदली लेकिन पाकिस्तान नाही बदली” बीर रस के कविता सुन के श्रोता लोग में देश भक्ति के भाव जाग गइल ।
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एह आयोजन में कुंवर मधुकर, राजेश सिंह, रंजन कुमार शर्मा, जगदीश्वर प्रशाद, उमेश सिंह, श्याम प्रकाश तिवारी(मंटु), पंकज कुमार गुप्ता, पंकज गुप्ता (द्वितीय), सुरेंद्र तिवारी, योगगुरु शशि प्रकाश तिवारी अन्य पूर्वांचल समाज बृज विहार के सदस्यगण सामिल भईलन, सिरिजन के लोकार्पण के सम्भव कईन । तारकेश्वर राय के धन्यबाद ज्ञापन के बाद कार्यक्रम के समापन भईल, फिर अइसने कार्यक्रम में मिले के वादा के साथ ।
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