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भारत में भाषाई आन्दोलन के शुरुआत आ भोजपुरी

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भाषाई आन्दोलन के शुरुआत भारत में भाषाई आंदोलन के शुरुआत उन्नीसवीं सदी के आखिरी दौर में भइल एकरा में भाषा आ ओकर लिपि-सुधार, भाषा के...

गिरमिटिया संस्कृति के समर्पित लोकरंग-2019 में शामिल होइहे संतोष पटेल

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उत्तर प्रदेश पड़रौना के जोगिया जनूबी पट्टी,फाजिलनगर,कुशीनगर में 11 आ 12 अप्रैल 2019 के आयोजित 'लोकरंग' कार्यक्रम जवन एह बरिस गिरमिटिया संस्कृति के समर्पित...

भोजपुरी के बोलनिहार के संख्या 5 करोड़ से ऊपर टपल

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भाषा सर्वेक्षण 2011 के रपट आ गइल। भोजपुरी समाज में आपन माई भाषा के प्रति जागरण देखल जा सकेला। बहुत खुशी के बात बा...

भोजपुरी कथा साहित्य के मजगूत खम्हा डॉ आशा रानी लाल :...

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भोजपुरी साहित्य में महिला कलमकार के बहुत कमी रहे ओकर कारण बा। पूरा भोजपुरी पट्टी का, आपन देश में सगरो नारी लोगन के शिक्षा...

भोजपुरी भाषा के आदि कवि : कबीर

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नवीन जागरण युग के अगुआ के रूप में हिंदी साहित्य में स्थापित “कबीर” आजू जनता के हृदय में व्यक्ति के रूप ना बलुक प्रतीक...

बहुमुखी प्रतिभा के धनी: एंथोनी दीपक

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पर्वतराज हिमालय के गोद में बसी हुयी चंपारण की धरती सौन्दर्य वैभव से परिपूर्ण और स्वर्ग से भी सुन्दर कही गयी है। चंपारण की...

भोजपुरी लोक संस्कृति

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भोजपुरी लोक संस्कृति का क्षेत्र विस्तृत है – बिहार में सारन (छपरा), सीवान, गोपालगंज , भोजपुर (आरा), रोहतास (सासाराम), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), पश्चिम चंपारण...

सरकार की अस्पष्ट भाषा नीति भारतीय भाषाओँ के विकास में बाधक

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भारत में भूमंडलीकरण का प्रभाव जहाँ उद्योग, शिखा, कृषि के साथ साथ हमारी भारतीय भाषाओँ पर स्पष्ट दिखने लगा हैं। 1990 से भारत में...

का लाल : भोजपुरी कविता

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नागार्जुन के मैथिली कविता की लाल? की लाल? के भोजपुरी अनुवाद का लाल? का लाल? अड़हूल के फुल लाल ! आरती के पात लाल ! तिरकोल के फल...

भोजपुरी काव्य गोष्ठी

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राजघाट पर गीता कुरान लेके जे किरिया खाई उहे लोग सत्ता पाई, उहे लोग सता पाई ! "राजघाट पर" भोजपुरी कविता के इ पंक्ति भोजपुरी...

भोजपुरी लोक संस्कृति: संतोष पटेल

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भोजपुरी लोक संस्कृति का क्षेत्र विस्तृत है – बिहार में सारन (छपरा), सीवान, गोपालगंज , भोजपुर (आरा), रोहतास (सासाराम), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), पश्चिम चंपारण...

भोजपुरी ग़ज़ल: जमाना के आंधी

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भोजपुरी के श्लाकापुरुष पाण्डेय कपिल जी के एगो ग़ज़ल 1977 ई में आईल रहे - जमाना के आंधी केतना प्रासंगिक बा रउरो देखीं ---- जेने देखि...

भोजपुरी लघुकथा “पोसपूत”

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लाल बाज़ार के बड़का कूड़ाघर के लगे मेहरारुन के भीड़ लागल रहे, कूड़ा में फेंकल एगो जियत बच्चा के देखे ला. जवन रोअत रहे....

पकडुआ बिआह

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"राजा तोहरा रास्ता से हट जाएब, गाडी के निचे जा के कट जाएब "- चिठ्ठी के पहिले लाइन में इहे लिखल रहे. संजय चिठ्ठी...

भोजपुरी लघु कथा “बयान”

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कहवां पोस्टिंग बा तोहार - जाँच अधिकारी ताराचचंद से तनी कडियल आवाज में पुछ्लें चिल्ड्रेन वार्ड में - तारा चंद नेवरे होखत बोललें. तोहरा के...

भोजपुरी लघु कथा “वसीयतनामा”

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हकासल, पिआसल, हैरान, परसान, डेराइल, घबराइल, रोवत आ बदहवास पूनम एगारहवाँ तल्लता के फ्लैट नंबर 111 के बाहरे से भागत सीढी से दउरत बारहवाँ...

“नर्मदेश्वर सहाय-सम्मान” अस्वीकार कईले आसिफ रोहतास्वी

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भोजपुरी ग़ज़ल के एगो जानल-मानल नाम आसिफ रोहतास्वी जे भोजपुरी साहित्य के एगो मानक पत्रिका "पारस" के संपादक आ पटना सायन्स कॉलेज मे हिन्दी...