Tag: संजय सिंह
भोजपुरी गजल
उ काठ के करेजा बरबस छलक पड़ल,
टूटल रहे सिन्होरा ,मिटल रहे भरम ।
पपनी के लोर में रहे ,उलझल जे मन के नाव,
पतवार के उमंग...
भिखारी ठाकुर के सामाजिक कुरीतियन पर चोट
भिखारी ठाकुर के सामाजिक कुरीतियन पर चोट
कवनो जनरीति के जब सामाजिक मान्यता मिला जाला त उ रूढ़ी बन जाले । जब पीढी दर...