Tag: ताड़ी
ताड़ी पऽ कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल एगो भोजपुरी गाना
चाहें होखे हाड़ा
चाहें होखे हाड़ी
लियाव रे पसिया
लबनी मे ताड़ी
ताड़ी मे जनेव डुबल
ताड़िये मे माला
तरकुल के पेंड़ तर
खुलल बा पाठशाला
ताड़ी खातिर साधु लो
मुड़ावता मोछ दाढ़ी
लियाव.....
ता...