Tag: अर्जुन कुमार सिंह ‘अशांत’
केतना कदम के डार हम रहनी अगोर के
केतना कदम के डार हम रहनी अगोर के
तबहूँ तोहार बाँसुरी बाजल न भोर के
कब तक घिरल अन्हार में कलपत रही करेज
कब तक सनेह के...
बुद्धायन
बन्दौ शाक्य कुमार, जाहि जन्म संवाद सुनि।
उमड़ल हर्ष अपार, शुद्धोदन सम्राट उर ॥ 1 ॥
कीन्ह दान परमार्थ, अन्न, वस्त्र, धन, सोमरस।
नामकरण सिद्धार्थ, गौतम घर-परिवार...
आदमी
आदमी के हाथ में जब नाथ बाटे
तब कवन चिंता प्रलय के साथ बाटे।
उठ रहल आवाज-’’अब त हाथ रोक
गोड़ में विज्ञान के अब कील ठोक
ना...
कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया
कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,
कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।।
पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,
मधु ऋतु में टुसिआइल फुलुंगिया।
इन हरियर-हरियर पलइन में,
सुतल सनेहिया जगावे कोइलिया।। कुहुकि.....।।
खिसिकल मधु-ऋतु, उठल बजरिया,
चुवल कोंच, झर गइल...