Tag: अनिरूद्ध
अन्न घुनाइल खाँखरा, फटक उड़ावे सूप
अन्न घुनाइल खाँखरा, फटक उड़ावे सूप ।
अवगुन कौड़ा तब मिटे, बनीं सूप अनुरूप।।
सोना-सोना जे रटे, निनिआ भइल हराम।
मेहनत मोती जे लुटे, सुख से करे...
देस हमार
पहिल जोति फूटे पूरुब से, भइल जगत उजियार
बजे भैरवी किरन बेनु पंछी के बजे सितार
माथ चढ़ावे किरन बेनु पंछी के बजे सितार
माथ चढ़ावे चरन...
नाव खुले माँझी रे
पंछी चहके डेरात, कुनमुनात र्छवरा बा,
फुलवा महके डेरात, गुनगुनात भँवरा बा,
कुलबुलात भोर लुका, कुहरा के पहरा बा,
कुहा खुल माँझी रे, नाव खुल होसियार,
धार, लहर,...