Tag: अनिरुद्ध तिवारी ‘संयोग’
किरिनियाँ कले-कले कहाँ चलि जाले?
सारी सोनहुली सबेर झमका के,
सँवकेरे रूप के अँजोर छिटिका के,
जाये का बेर ढेर का अगुताले-
किरिनियाँ कले-कले कहाँ चलि जाले?
चलत-चलत बीच रहिया में हारल,
दुपहरिया तेज...