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रवि सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी कन्यादान के अधिकार
पूरा बीस साल बाद मंजू आपन बेटी शिवानी के लेके गाँवे आईल रहली।घर के कोना-कोना से उनकर ईयाद जुडल रहे। आँगना,दुवार,तुलसी-चौड़ा,ईनार,निम के गाछ सब...
रवि सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी छत के घर
केदार बाबा आ बलिराम बाबा अपना समय के नामी भूमिहार (भूंजार) रहे लोग। बियाह के बाद बड़ा शान से खूब निमन खापरापोश वाला घर...
रवि सिंह जी के लिखल भोजपुरी कथा बेटी के भाग
गोधन कुटा गईल रहे, लोग बियाह-शादी के रिश्ता खातिर आवे-जाय लागल रहे।रघुनाथ के भी आपन बेटी के हाथ पियर करे के रहे। एगो सेयान...
रवि सिंह जी के लिखल आपन पहचान
सारिका बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के रहली। पढ़ाई लिखाई के संगे ही खेल कूद में भी अव्वल रहली।उनकर पढ़ाई लिखाई के रुचि देखी...