Tag: योगेन्द्र शर्मा
भोजपुरी कविता जब से रोटी बोर खवायल
जब से रोटी बोर खवायल
ओठलाली खूबै महंगायल
अब का आलू खेत बोआई
सबही चोखा से भरुआयल।
रोटी भात न खाये अईली
ओरहन बा मउगी के आयल
का चाहत बा...
हमार बनारस
लिट्टी,चोखा भयल नदारत
पिज्जा,बरगर खाय बनारस।
टीका,रोरी,धोती,कुरता
कय देहलस इनकार बनारस।
अपनें रंगत से लागत अब
होखत बाटै दुर बनारस।
बहा के नाला गंगा में
अईंठत गईंठत बाय बनारस।
महादेव के अभिनन्दन...