Tag: मिथिलेश ‘मैकश’ जी
मिथिलेश मैकश जी के लिखल आदमी के आदत ह देखे के…
आदमी के आदत ह देखे के
आदमी लचकोकर होला
जीभ रहते भी गुंग होला
दुगो कान रहते भी बहिर होला
दुगो आँख रहते भी आन्हर होला
बहेंगवा होला, बेहाया...
मिथिलेश ‘मैकश’ जी के गमछा / गमछी बारे में लिखल एगो...
एगो अइसन चीज ह जवना के जेतने बराइ कइल जाव ओतने कम बा। कुछ लोग एकरा के गमछा भी कहेला आ कुछ लोग एकरा...