Tag: भोजपुरी कविता
लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़े-बड़े बबुआन
आल्हा वीर रस के गावल जाए वाला गीत ह |
जेकरा के सुन के बीरन के खून खौले लागेला |
|| आल्हा / भोजपुरी ||
रचनाकार: अज्ञात
लागल...
रिमझिम बरसे लागल पनिया
लोकगीत - कजरी : धान-रोपाई के अवसर पर
रिमझिम बरसे लागल पनिया,
चढल सवानवा रे भवनवा,
नाही आये सजनवा ना..
नाही आये सजनवा ना,
नाही आये सजनवा...
कबो उनका हमसे प्यार रहे
कबो उनका हमसे प्यार रहे
हम उनकर ऊ हमार रहे
अब त देख के मुँहवे फेर ले ली
उ हमार ना हई सब कहे
हमार गीत मे उनके...
अछूत की शिकायत
एगो भोजपुरी के छुपल कवी जेकर नाम बा "हीरा डोम" उनकर एगो कविता के अंश
इ कविता महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा संपादित ‘सरस्वती’ (सितंबर...