Tag: भोजपुरी कविता आइल गरमी
डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता आइल गरमी
सूरज खड़ा कपारे आइल, गर्मी में मनवा अकुलाइल।
दुपहरिया में छाता तनले, बबूर खड़े सीवान।
टहनी, टहनी बया चिरईया, डल्ले रहे मचान।
उ बबूर के तरवां मनई,...