Tag: आवले बोलता नयका बिहान
डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता आवले बोलता नयका...
हर के कलम से
धरती के कागज प
पसीना के सियाही से
जीवन उकेरे ला किसान
बाकिर ओकरे घटल रहता
चाउर पिसान।
ओकरे पसीना
अतना सस्ता काहे बा
ओकरे हालत
अतना खस्ता काहे...