दूगो लंगोटिया इयार ढेर दिन बाद एक दूसरा से मिलल लोग, बाते बात में एगो दोस्त दोसरासे बस जाने खातिर पुछले
“का इयार तहरा माई के का हाल बा”?
थोर देर चुप रहला के बाद दोसर जना जबाब देहले
“ठीक बाड़ी, दू साल से व्रद्धाश्रम में बाड़ी, आज गईल रहनी ह उनका से मिले हाल समाचार लेवे”
फेर दोसर जाना पुछले
“का हो आ तहरा माई के का हाल बा, ताहर माई तहरे साथे रहेली का?”
दोसरा इयार के जबाब सुने वाला बा आ दिल के छूवे वाला भी बा
“ना इयार अबे हम एतना बड़ ना भइनी की माई के राख सकी, अबे हम त छोट बानी एही से अबे ले माई के लगे रहेनी”
चन्दन कुमार सिंह