परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आई पढ़ल जाव जयशंकर प्रसाद द्विवेदी जी के लिखल कुछ भोजपुरी रचना, रउवा सब से निहोरा बा कि पढ़ला के बाद आपन राय जरूर दीं, अगर रउवा जयशंकर प्रसाद द्विवेदी जी के लिखल भोजपुरी रचना अच्छा लागल त शेयर आ लाइक जरूर करी।
कुकुरा भइलें कुलीन
माटी के रीत हवे
चोखा अउरी बाटी
एकरा बाँटी के॥
कुकुरा भइलें कुलीन
पतरी चाटी के॥
किरिया विशेषण एके में मिलाई के
केकरो माल अपना नावे लिखाई के
भाषा त थाती हवे
सुघ्घर माटी के॥
कुकुरा भइलें कुलीन
पतरी चाटी के॥
संज्ञा सर्वनाम के बाति छोड़ीं रउवा
नया नया ज्ञानवान भइलन स कउवा
भाषा पर बदरी बा
गिन गिन काटी के॥
कुकुरा भइलें कुलीन
पतरी चाटी के॥
गरह नछत्तर कुल्हि एहनी के करिया
खइलें मलाई, देखवलें छेदही थरिया
भाषा कइलें बेहाल
इनका छाँटी के॥
कुकुरा भइलें कुलीन
पतरी चाटी के॥
ए हो माई तोहरे अवनवाँ
गइया के गोबरा से चउक लिपवाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ
चउका पूरी चउकी बइठाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ॥
ओढ़उल के फूलवा से गरवा सजाइब
अक्षत आ पान फूल तोहके चढ़ाइब
मिटते बिपतिया माई चुनरी चढ़वाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ
चउका पूरी चउकी बइठाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ॥
भर नवरातर माई करबै पुजनिया हो
सुनब सुनाइब सभे तहरी कहनियाँ हो
नवो के नवो दिन माई पाठ कहवाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ
चउका पूरी चउकी बइठाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ॥
अरपित बाटे सभके गउवाँ जवरवा हो
ललका ओहार लाल घरवा दुवरवा हो
तोहरी नेमतिया माई सिरवो झुकाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ
चउका पूरी चउकी बइठाइब
ए हो माई तोहरे अवनवाँ॥
एथी आ अथुवा
बलिया के एथी, बनारस के अथुवा
चला हो सखि खोंट आईं, हरियर बथुवा॥
लोग बाग मिलिहें
त एथी पूछिहें
देर बिन लगवले
बताय दीहा अथुवा।
चला हो सखि खोंट आईं, हरियर बथुवा॥
लोग अझुरइहें
त एथी सझुरइहें
देर बिन लगवले
देखाय दीहा अथुवा।
चला हो सखि खोंट आईं, हरियर बथुवा॥
लोग खिसिअइहें
त एथी दे चिल्हइहें
देर बिन लगवले
धराय दीहा अथुवा।
चला हो सखि खोंट आईं, हरियर बथुवा॥
लोग समझइहें
त एथी खजुअइहें
देर बिन लगवले
लगाय दीहा अथुवा।
चला हो सखि खोंट आईं, हरियर बथुवा॥
लोग बउरइहें त
एथी ले धउरइहें
देर बिन लगवले
चढ़ाय दीहा अथुवा।
चला हो सखि खोंट आईं, हरियर बथुवा॥
कहवाँ लुकाइल बाड़S हो
पियउ कवने अफतिया, अझुराइल बाड़S
कहवाँ लुकाइल बाड़S हो॥
मधुरी बतिया तोहार
सोची मनवा बेमार
काहें सुघर सजनियाँ से कोंहाइल बाड़S
कहवाँ लुकाइल बाड़S हो॥
आँखि थाकल तिकवते
पिया अबे चलि अवते
कवने रूपवा पर एतना लोभाइल बाड़S
कहवाँ लुकाइल बाड़S हो॥
करत बानी गोहार
सुना सइयाँ हमार
केकरे झुलनी पर अभियो मोहाइल बाड़S
कहवाँ लुकाइल बाड़S हो॥
मोर नयना तलवार
भइल बाटे जानमार
सोना अस सजनियाँ के भुलाइल बाड़S
कहवाँ लुकाइल बाड़S हो॥
जोगीरा डॉट कॉम पऽ भोजपुरी पाठक सब खातिर उपलब्ध सामग्री
ध्यान दीं: भोजपुरी फिल्म न्यूज़ ( Bhojpuri Film News ), भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं।