जोगीरा स र र स र र स र र स र र
गोरे गोरे गाल गुलाबी गोरे गोरे गाल। हो गोरी
आँख नशीली कमर पतीली मतवाली बा चाल।। ।। 1।। जोगीरा . . . .
भौंहा बनल कमान के अइसन, नैना दूनो बान हो गोरी . . . .
अगल बगल दूई कलसा लेके चले लू सीना तान।।2।। जोगीरा . . . .
फीकी बा रंगीन चदरिया तोहरे रंग के आगे हो। गोरी . . . .
एक नजर जे देखे तोहके, तोहरे पीछे भागे हो।। 3।। जोगीरा . . . .
जोगी जती पुजारी पंडित, चाहे हो ब्रह्मचारी। गोरी . . . .
सबके मन बेइमान हो जाई, लागी नयन कटारी।। 4।। जोगीरा . . . .
चार दिनन के जिनगी बाटे, तबले सब कुछ आपन। गोरी . . . .
कब परान निकलिहे तन से, ई केहू ना जानी ।। 5।। जोगीरा . . . .
जबले सांस आस बा तबले, तबले सब कुछ आपन। गोरी तबले . . . .
टूटी तार सांस के जहिया, विरथा होई जुआपन।। 6।। जोगीरा . . . .
छन भर के बा चढ़ल जवानी, हो जाई बे पानी। हो गोरी. . . . .
ढरकी जोर जवानी गोरी, मति करऽगरब गुमानी।। 7।। जोगीरा . . . .
तन जीवन धन सुन्दरता के, विरथा कबो नऽ करऽ। गोरी . . . .
आवे काम सदा औरन के, अइसन करम करऽ।। 8।। जोगीराऽ….
धन जीवन अनमोल रतन बा, गोरी फिर ना पइबू। गोरी . . . .
जहिया गलि पचि जाइ जवानी, सोचि सोचि पछतइबू।। 9।। जोगीराऽ….
करबू दान सदा जीवन के, रहिहें नेकि निशान। हो गोरी . . . .
करबू दान तनिक ना घटी, बढ़ि जाईं तोहरो मान।।10।। जोगीरा. . .
माथ में गजरा आंख में कजरा, लटके कान में बाली हो। गोरी . . . .
ऐड़ी तक वेंणी लटकेला, जइसे नागिन काली हो।।11।। गोरी . . . .
मानऽ बात हमार हो गोरी, मति तॅू अधिक सतावऽ। गोरी . . . .
चोली बन्द खोलि के गोरी, जोबन तॅू दिखलावऽ।।12।। जोगीराऽ….
धन जीवन बर्बाद हो जाईं, जब तॅू परबू पाले। गोरी . . . .
सून गली में पटकब तोहके, परिहें केतने छाले।।13।। जोगीरा . . . .
फागुन मस्त महीना आइल, गोरी खेलऽ होरी। हो गोरी . . . . .
अबिर गुलाल मलब चोली में, मुँह में भी जब रोरी।।14।। जोगीराऽ….
भीतर डालब बाहर डालब, अउरी अगली बगली हो। गोरी . . . . .
तन के बीचे अइसन डारब, हो जाइबू तॅू पगली हो।।15।। जोगीराऽ….
तोहरी सूरत ऊपर गोरी, हम हो गइली फकीर। हो गोरी . . . . .
दिल के प्यास बुझा द गोरी, ना त तेजबि सरीर।।16।। जोगीराऽ….
तोहरी जुलुम जवानी के बा, चारों ओरिया शोर। हो गोरी . . . . .
तोहरी पीछे लागी कवनो, डाकूँ ठगवा चोर।।17।। जोगीरा….
रस खातिर कलियन के ऊपर, भॅवरा जस मडराय। हो गोरी . . . . .
वैसे तोहरे जोबन ऊपर, मनवा मोर बडराय।।18।। जोगीरा….
रस से भरल गगरी लेके, गोरी चल ना डगरी। हो गोरी . . . .
कवनो रार से पाला पड़ी, धई धई तोहके रगरी।।19।। जोगी….
हल्ला होई बीच डगर में, जुटि आई सब नगरी। हो गोरी . . . .
सान मान सब हेठ हो जाई, अंइठल छूटी सगरी।।20।। जोगीराऽ….
लोक लाज सब छोड़ि के गोरी, आव हमरे पास। हो गोरी . . . .
रंग बरसाइब सून भवन में, पूजी मन के आस।।21।। जोगीराऽ….
ऐंहर हल्ला ओहर हल्ला, हल्ला चारो ओरी। हो गोरी . . . .
छुमुक छल्ला बनल बाड़ू, गॉव के बनिके गोरी।।22।। जोगीराऽ….
लरिकन से ना बात कर तू , बुढ़वन से बतियाव। हो गोरी . . . .
देखि जवान के कगरी हो लू, पीछे से धकियाव।।23।। जोगीराऽ….
मौका पाके घात करे लू, छाती से छतियाव। हो गोरी . . . .
घुसि जालू तू एने ओने, हाथ उठाय बुलाव।।24।। जोगीरा….
जीयरा लसर पसर हो जाला, जब तू हंस के बोलऽ। हो गोरी . . .
जान परान तड़पि रहि जाला, जब तू चोली खोलऽ।।25।। जोगीराऽ….
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पहिलका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : दुसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : तिसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : चउथा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पांचवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : छठवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : सातवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : आठवाँ दिन
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