दो साल पूर्व सुगना से अपने फ़िल्मी कैरियर कि शुरुवात करने वाली काजल राघानी आज भोजपुरी फिल्मो कि एक उम्दा अदाकारा तो मानी जाती है लेकिन उनके अभिनय को वो सम्मान नहीं मिला जिसकी वो हकदार है। हाल ही में भोजपुरी कि पहली सिक्युवल फ़िल्म प्रतिज्ञा २ के सेट पर उनसे विस्तृत बातचीत हुई। प्रस्तुत है कुछ अंश …..
गुजराती फिल्मों को छोड़कर भोजपुरी में कैसे आ गई?
दरअसल, मैं हूं तो गुजराती मगर मेरी परवरिश और पढ़ाई लिखाई पुणे में हुई है। बचपन से ही फिल्मों में दिलचस्पी रही है। हर किसी की तरह मेरी भी इच्छा हिन्दी फिल्मों में काम करने की थी मगर मुझे मौका मिला गु जराती में। वह मेरी मातृ भाषा है, इसलिए गुजराती में काम करने में दिक्कत नहीं हुई। पिछले दो साल से भोजपुरी में सक्रिय और व्यस्त हूं। फिल्मों में काम करते-करते यह लगने लगा कि क्षेत्रीय हो या मुख्यधारा की फिल्में, इनमें फर्क सिर्फ भाषा का है। मेकिंग एक तरह की ही है।
भोजपुरी में कैसा माहौल पाया?
भोजपुरी के बारे में जितनी गलत हवा फैलाई जा रही है, उतनी गलत नहीं है यह इंडस्ट्री। दो साल से भोजपुरी में हूं। “सुगना” से यहां मेरा करियर शुरू हु आ है। उसके बाद “ट्रक ड्राइवर”, “पियबा बड़ा सताबेला”, “मर्द तांगेवाला” सहित और भी फिल्में आई। मुझे तो हमेशा अच्छी स्क्रिप्ट मिली हैं। अश्लीलता से मुझे भी परहेज है। मैं वैसी ही फिल्में करना चाहती हूं जिन्हें पूरा परिवार बैठकर देख सके। हालांकि भोजपुरी में काम करने के मेरे फैसले से परिवार-रिश्तेदारों को आश्र्चय हुआ था। वे भी इसे अच्छा नहीं मानते थे। मगर मेरे कन्विंस करने के बाद परिवार का पूरा समर्थन मिला।
प्रतिज्ञा २ में कैसा किरदार है ?
“प्रतिज्ञा-2” मैं पवन सिंह के अपोजिट गांव की एक घरेलू लड़की के किरदार में हूं। उसका पूरा कैरेक्टर “दबंग” की सोनाक्षी की तरह है। सच कहूं तो प्रतिज्ञा २ से मुझे काफी उम्मीद है कि यह फ़िल्म ना सिर्फ मेरी कैरियर को एक नया मुकाम देगी बल्कि भोजपुरी फ़िल्म जगत में भी बदलाव आएगा। मैं सी पी आई मूवीज के सुजीत तिवारी का धन्यवाद अदा करना चाहूंगी कि उन्होंने मुझे इस फ़िल्म में कास्ट किया।
आप खुद को किस मुकाम पर देखना चाहती हैं?
हर कोई अपने लिए बेहतर भविष्य ढूंढता है। मेरी आने वाली फिल्में साबित करेंगी कि मैं क्या सोचती हूं और क्या करना चाहती हूं। “रिहाई”, “चरणों की सौगंध”, “रॉक डांसर”, “देवरा भईल दीवाना”, “प्रतिज्ञा-2” जैसी फिल्में आ रही हैं। “रणबीर”में रविकिशन के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। प्रियांशु चटर्जी के अपोजिट एक हिन्दी भी कर रही हूं। भोजपुरी में निरहुआ के साथ काम करने की इच्छा है। भोजपुरी और बिहार को लेकर मेरे अंदर जो डर बैठा हुआ था, वह खत्म हो गया। मुझे हर जगह अच्छे लोग मिल रहे हैं। इंडस्ट्री अपनी खामियों के बावजूद आगे बढ़ रही है। फिल्मों में भी बदलाव आ रहा है। मुझे लगता है कि “प्रतिज्ञा-2” से न केवल मेरा करियर बदलेगा बल्कि भोजपुरी के चेहरे में भी परिवर्तन दिखाई देगा।
प्रतिज्ञा-2 से बढ़ेगा मेरे कैरियर का ग्राफ – काजल राघानी