बसिया भात हमनी के बेकार समझ के माल गोरु के खिया दिहल जाला ना त फेक दियाला। लेकिन अगिला बेर से जब भात बच जाव त फेकेब मत, काहेकि बसिया भात बहुत फायदे मंद होला।
रउवा घर मे भात बच जाव त फेकीं मत ओकरा के माटी के बरतन में रात भर पानी में फुला दीं आ सबेरे पियाज आ हरिहर मारीचा के साथे नासता में खायीं, मियाज खुस हो जाई, भले इ राउर फेवरेट नासता ना होखे बाकिर बसिया भात के फायदा सुन के राउर फेवरेट नासता जरुर हो जाई।
- बसिया भात के तासीर ठण्डा होला, उपर बतावल तरीका से रोज भात खाईला से रउवा देह के गरमी (टेंपरेचर) कंट्रोल में रहीं।
- भात में फाइबर भरपूर होला जवन कि कब्ज के बेमारी दूर रखेला।
- भात बसिया खाइल रउवा के दिन भर फ्रेश रखेला आ दिन भर काम करे के एनर्जी भी देला।
- अगर रउवा अलसर के समस्या बा त कम से कम हपता में तीन हाली भात बसिया खायीं, घाव जलदी ठीक हो जाई
- अगर रउवा चाय भा कॉफ़ी के लत बा त सबेर सबेर भात के बसिया खायीं, जल्दी कंट्रोल हो जाई।
एगो स्टडी के हिसाब से बसिया-भात में माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स आ कई गो जरूरी मिनरल्स होला, येही से रोज बसिया भात खाइल सेहत खातिर फायदे मंद होला