डॉ परमेश्वर दूबे ‘शाहाबादी जी हास्य व्यंग्य के बादशाह रहनी।उनकर जनम 10 फरवरी 1946 ई के अपना ननीअउरा शाहाबाद (अब रोहतास) जिला के हथडीहा गाँव मे भइल रहे।उहा के पैतृक गांव पीरो भीरी चिलबिलिया रहे।उहा के प्रवेशिका(मैट्रिक) तक शिक्षा दीक्षा अपना गाँव आ जवार के गाँव तिवारी डीह आ पीरो के माध्यमिक आ उच्चविद्यालय में भइल।
सन 1964 ई में उहां के टेल्को (अब टाटा मोटर्स) जमशेदपुर के कारखाना में बहाल हो गइनी आ करीम सिटी कॉलेज के रात्रि पाली में पढ़ी के रांची विश्वविद्यालय से आई. ए. से लेके एम.ए. (हिंदी) परीक्षा पास कइनी।
डॉ निर्भीक जी के संगे भोजपुरी लोककथा के विशाल संग्रह क के “पूर्वी उत्तरप्रदेश की भोजपुरी लोककथाओं का सामाजिक अध्ययन” से पी.एच. डी के उपाधि खातिर शोध प्रबंध 11 फरवरी 1981 ईo के जमा कइनी बाकिर मौखिकी परीक्षा के पहिलहीं 20 मई 1981 ईo के सरग सिधार गइनी।
उहां के मरणोपरांत पी-एच.डी के उपाधि मिलल। उहां के प्रकाशित काव्य पुस्तकन में ‘उमंग’ आ ‘क्ष त्र ज्ञ ‘ बा आ गद्य पुस्तक में भोजपुरी के पहिला रिपोर्ताज संग्रह ‘ऐनक’ बा।उहां के ‘साखी'(भोजपुरी विकास समिति) ‘रचनाकार’ लुकार(बरखा अंक-1978)के स्वतंत्र रूप से कुशलता पूर्वक सम्पादन कइली।स्मारिका(जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद के रजत जयंती) के सम्पादक मंडल में रहलीं।
हिंदी भोजपुरी के दर्जनन पत्रिकन में उहां के लोक साहित्य आ ललित साहित्य के अन्य विधा के रचना छपल बाड़ी सन।दिवंगत भइला के बाद उहां के शेष रचनन के खोज-बटोर के ‘शाहाबादी रचनावली’ के नाव से जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद से प्रकाशित भइल।
उहां में अभिनय प्रतिभा भी कूट-कूट के भरल रहे।सत्यहरिश्चंद्र आ डॉ निर्भिक जी के लिखल नायक खूब सिंह,बुरबक बनली सार राखि के आदि नाटकन में दर्जनन जगह सफलतापूर्वक अभिनय भी कइले रहीं।उहां के कवि सम्मेलन के मंच से भी खूब जमत रही। उहां के पिअरी (जॉन्डिस) रोग से 20 मई 1981 के देहावसान हो गइल।
– राजेश भोजपुरिया
जोगीरा डॉट कॉम पऽ भोजपुरी पाठक सब खातिर उपलब्ध सामग्री
ध्यान दीं: भोजपुरी फिल्म न्यूज़ ( Bhojpuri Film News ), भोजपुरी कथा कहानी, कविता आ साहित्य पढ़े जोगीरा के फेसबुक पेज के लाइक करीं।