आगे खाई पिछे खाई
संकट में बा जियरा मितवा।
संकट में बा जियरा मितवा।
साधु संत चोर हो गइले,
धरम भइले बहिरा मितवा।
संकट में बा जियरा मितवा।
योगि जोगि भोगि हो गइले
मंदिर में बा पहरा मितवा।
संकट में बा जियरा मितवा।
राम नाम के चादर ओढ़े
घाव लगावे गहरा मितवा।
संकट में बा जियरा मितवा।
अबहुं से चेतऽ “पथिक, भइया
घरघर बाड़िदऽ दियरा मितवा।
संकट में बा जियरा मितवा।