आजुओ सावन कजराइल,
कदमवाँ फुलाइल हो रामा…श्याम नाहीं आइल
श्याम नाहीं गोकुल आइल हो रामा…श्याम नाहीं…
आजुओ चनरमा वृंदावन आवे
पंचम तान कोइलिया सुनावे
मथुरा मुरलिया पराइल हो रामा…श्याम नाहीं…
माखन करेज वाला कान्ह रूठि गइलें
राधा के मान के बान्ह टूटि गइलें
सोरहो सिंगार दहाइल हो रामा…श्याम नाहीं…
आजुओ गोकुल में रछसवा घूमत बाड़ें
केतने सुदामा उपासे सुतत बाड़ें
दुख-यमुना बढ़ियाइल हो रामा…श्याम नाहीं…
गोकुला में उधवे के बंसवा बढ़ल बा
अकिल के विष पोरे-पोर में चढ़ल बा
नेहिया के मन अउँजाइल हो रामा…श्याम नाहीं…
-हरिकिशोर पाण्डेय