कुणाल भरद्वाज जी के लिखल भोजपुरी लघु कथा आत्महत्या
भोर होखे में अबही देर रहे। हमरा आँखि में नींद ना रहे। मन अकुताईल रहे। जिनगी बहुते नीरस हो गइल रहे। बेटा पतोह दुनु...
धनंजय तिवारी जी के लिखल नईहर के रास्ता
"अब हमसे तहरा माई के सेवा ना होई" बाल्टी पटकत चनर बो कहली " कह कि मथुरा काशी चल जास। इन कर भार उठावे...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कहानी का हमके कुक्कूर कटले बा
इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले मे तल्लीन रहलीं कि तबले हमके...
कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी संस्कार
जब बिरिधा आश्रम से सनेस मिलल कि बाबूजी के दुनो किडनी खराब हो गइल बा आ तोहार भाई अनुराग से कवनो संपर्क नइखे होखत...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कहानी आंख
प्रयाग विश्वविदयालय यूनियन पत्रिका 1962 मे हिंदी मे प्रकाशित कहानी का भोजपुरी अनुवाद।।
हम येगो आन्हर मंगन हईं जे आपन पेट जियावे खातीर...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी लोहा बाबा
ए लोहा बाबा काल्ह सुमितरी खातिर लइका देखे जायेके बा रउआ चलेम नु रामदेयाल कहलन। लोहा बाबा कान पो जनेव चढ़वले लोटा लेके खेत...
कन्हैया प्रसाद रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी लोचन
तरूण के शादी कइला दु साल हो गइल बाकि अबहीं कवनो फर फूल ना लागल बा एह से उनकर माई मन ही मन उदास...
जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी हास्य कहानी आंख के आन्हर
ई सन 1971 के बात ह।पाकिस्तान आ भारत मे लड़ाई शुरु हो गईल रहे।पूरा देश मे येगो उत्साह छा गईल रहे।हर जगह येही के...
धनंजय तिवारी जी के लिखल भोजपुरी कहानी ट्रैन
ठीक रात के नौ बजत रहे जब रजत स्टेशन पहुँचले। उनका जवन ट्रैन पकडे रहे उ सामन्यतः समय से ही आवे। माइक पर ट्रैन...
आकाश कुशवाहा जी के लिखल भोजपुरी कहानी मदारी
आज कचहरी के दिन रहल, सबेरे के निकलल साँझ के घरे अइला के अब त आदत बन गइल रहल इंजीनियर रामबाबू के।
दुआरी पर उनकर...
सरोज सिंह जी के लिखल भोजपुरी लघु कथा नवका च्चा
आज बाबूजी गीता के स्कूल से छुट्टी करा के के गांवे ले जाए के तैयारी में जुट गईलन ..पुछला पर कि,'काहें बाबूजी,
हमनिका काहें...
दो बैलों की कथा
झूरी के दू गो बैल थे, हीरा और मोती। मोती बड़ा सज्जन बैल था, झूरी उसकी नाद में जो डाल दे, वह उसी को...
भोजपुरी लघु कथा : ससुरारी – चन्दन कुमार सिंह
नया पायेट-सर्ट, सेंट गमकउआ, काँधे पर गमछा बाबाधाम आला, गोर में चमड़उआ जूता अउर मुँह में पान चबात, पिच-पिच थूकत जब झुना भाईवा घर...
भोजपुरी लघुकथा एक कटोरी भात
माई के तेयाग तपस्या होला ओकरा के लिखल समझल भा बुझल बढ़ा भरी काम हा। ना जानी केतना किताब पर किताब लिखाइल होई। नव...
हरिजन एक्ट
"का रे भगेलुआ, बाज़ारे चलबे" दीना पण्डित कहले,
सांझ के 4 बजे के बात ह, हाथ मे झोरा लेहले, दीना पाणे, बाजार करे निकलले त,...
अबे ले माई के लगे रहेनी
दूगो लंगोटिया इयार ढेर दिन बाद एक दूसरा से मिलल लोग, बाते बात में एगो दोस्त दोसरासे बस जाने खातिर पुछले
"का इयार तहरा...
अकबर बीरबल के कहानी
सम्राट अक़बर के दरबार मे नवरतन मे से एगो बीरबल भी रहले, बीरबल बहुत बुद्धिमान रहले। एक दिन अकबर सोचले की आज भरल...
ना चाही हमरा ई पैकेज | भोजपुरी कहानी | चन्दन कुमार सिंह
ई पिछले साल के बात ह, हमहुँ दिळी से दिवाली आ छठ पूजा तक के छुटी लेके घरे पहुँचल रहनी, बड़ा बढ़िया लागत रहे...
परदेसिया
परदेसिया
“ट्रेन के का पोजीशन बा” बलराम व्यग्रता से पूछले.
“बाबूजी ट्रेन त एक घंटा लेट बिया.” बलराम के बेटा रमेश जबाब देहले.
“एहिजा एक घंटा लेट...
सीवान के बुढ़िया माई
सीवान के बुढ़िया माई - सबकर मनोकामना पूरन करे वाली माई
सीवान के ऐतिहासिक गांधी मैदान के उत्तर-पुरुब की ओर जाये वाला रास्ता में स्थापित...