जइसन की हमनी के जानत बानी जा कि हर क्षेत्र मे अलग अलग तरह के चिरई मिलेली सन। अपना समाज में चिरइन के बड़ा महत्व भी बा जइसे कि सुग्गा, गौरइया, कउवा, लीलकंठ इत्यादि।
एह पेज प भोजपुरी में प्रयोग होखे वाला चिरई के नामन के संग्रह कइल गइल बा।
भोजपुरी के खाटी शब्द बिलुप्त होखत जाता, जरुरी बा की भोजपुरीया समाज आपन इ धरोहर के सहेज के रखस। जोगिरा डॉट कॉम के लगातार सार्थक कोशिश रहल बा आ लगतार एह दिशा में काम कर रहल बा कि आपन भासा के साहित्य, किताब, देहाती शब्द, कहाउत, लोकोक्ति आदि के ऑनलाइन सहेजल जाव।
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देखल जाव भोजपुरी में चिरईन के नाम
- मुरुगा
- मुरुगी
- सुग्गा
- गुद्दी
- पुकलेड़ी
- गौरइया
- जांघिल
- बन मुरगी
- भूचेन
- कउवा
- काग
- महोख्खा
- लीलकंठ
- बकुला
- बनमुरूगी
- पंडुक
- पनडुबुकी
- पँडड़ुकी
- गैरी
- कठफोरवा
- परेवा
- चिल्होर
- गीध
- बाझ
- फुरगुदी
- उरुआ
- उल्लू
- खिरलिच, खोरलिच
- मैना
- टिटिहरी
- बदूरी
- बुलबुल
- सहरेसा
- बत्तख
- हंस
- कड़ाकुल
- कोइलरि
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पहिलका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : दुसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : तिसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : चउथा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पांचवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : छठवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : सातवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : आठवाँ दिन