देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल सोहर

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सोरठी तर्ज पर देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल सोहर

मोरा पिछुअरिया सीरीसिया के गंछिया,
सीरीसिया के गंछिया हो,
ताहि पर बोले बनमोर नु ए राम।

होत भिनुसरवा जब रोवेला होरीलवा,
अरे रोवेला होरीलवा हो,
सउंसे नगर भईले सोर नु ए राम।

धावल धुपल सासु रानी अईली,
अरे सासु रानी अईली हो,
बहुआ छुलछन बड़ भाग नु ए राम।

होरीला के रुप देखी बोलेली गोतीनीया,
अरे बोलेली गोतीनीया हो,
होरीला ई कुल के अंजोर नु ए राम।

खाढे़ ओसरवा से बोले छोटी ननदी,
अरे बोले छोटी ननदी हो,
हमहुं लिहबि नवलखा हार नु ए राम।

होरीला के बाबा दुअरा अन धन लुटावे,
अरे अन धन लुटावे हो,
सईंया लुटावे मोतीयन हार नु ए राम।

जुग जुग बाढो़ बहुआ तोहरो एहवाती,
अरे तोहरो एहवाती हो,
दुनो कुल के कईलु अंजोर नु ए राम।

राय देवेन्दर ई सोहर सुनावे,
अरे सोहर सुनावे हो,
होरीला जिअसु लाख बरीस नु ए राम।

पढ़ीं देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल रचना

देवेन्द्र कुमार राय
(ग्राम +पो०-जमुआँव, पीरो , भोजपुर, बिहार )

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