जिनगी के सपना सगहि सजावेली।।
दिनभर हसेली हमके हॉसावेली ।।
होखेला हमनी भले तकरार हो ।।
हमार बेलना वाली हमरे से करेली प्यार हो।।
भुखाइल -पियासल जब घरवा आइले ।।
सुखल-पाकल दुनो बेकत संगहि खाइले ।।
हमरो करेली सझिया -बिहान इन्तजार हो ।।
होखेला भले हमनी के तकरार हो ।।
हमार बेलना वाली हमरे से करेली प्यार हो।।
करे चुल्हा-चउका करे सानी -पानी ।।
कहे ली चली जवन लेली राजा -जानी ।।
राउरे से बसल बा हमार घर संसार हो ।।
होखेला भले हमनी के तकरार हो ।।
हमार बेलना वाली हमरे से करेली प्यार हो।।
साथ हि बिते सुख-दुख मे हमनी के दिन -रातवा ।।
इहे गोहरी बिधना कबो नाही छुटे हमनी के साथवा।।
भगवान से इहे बिनती बारे हमारी बार-बार हो
होखेला भले हमनी के तकरार हो ।।
हमर बेलना वाली हमरे से करेली प्यार हो ।।
इहो पढ़ी: विनोद भोजपुरीया जी के लिखल सरस्वती वन्दना
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