राजघाट पर गीता कुरान लेके जे किरिया खाई
उहे लोग सत्ता पाई, उहे लोग सता पाई !
“राजघाट पर” भोजपुरी कविता के इ पंक्ति भोजपुरी के सुप्रसिद्ध कवि डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना जी आज अखिल भारतीय भोजपुरी लेखक संघ आ पुरवइया द्वारा आयोजित भोजपुरी कवि गोष्ठी में अध्यक्ष के रूप में पढनी.
आज एह कार्यकम्र में भोजपुरी कवि नवल किशोर निशात जी भ्रूण हत्या पर रोक के निवदन करत ‘ हमहूँ दिल्वे के टुकड़ा तोहार ऐ मइया’ पढ़ के माहौल के भावुक बना देनी.
बीच बीच में भोजपुरी साहित्यकार रमेश कुमार सिंह जी आ डिफेंडर पत्रिका के संपादक धनञ्जय कुमार सिंह जी भोजपुरी के साहित्य पर प्रकाश डलनी आ सरकार से एकर संवैधानिक मान्यता ला अनुरोध कइनी.
लोक सभा में अधिकारी आ हिंदी – मगही के विद्वान श्री उपेन्द्र नाथ जी भोजपुरी के संस्था के जुडल लोगन से निहोरा कइनी कि भोजपुरी खातिर सभे व्यक्तिगत प्रचार से दूर रह के भोजपुरी के मान्यता पर मिल जुल के काम करे.
भोजपुरी रंगमच के लोकप्रिय नाम संजय ऋतुराज जी भोजपुरी के एगो हास्य व्यंग कविता सूनवनी. एह गोष्ठी के संचालक संतोष कुमार भोजपुरी के दू गो रचना सुनवनी.
भोजपुरी प्रेमी आ भाषानुवादक, राजेश ओझा जी भोजपुरी भाषा आ साहित्य के बारे में बोलत कहनी भोजपुरी के विकास से हिंदी कमजोर ना मजबूत होई.
आज एही गोष्ठी में तीन गो भोजपुरी से जुडल पत्रिका के विमोचन भईल – भोजपुरी, इंग्लिश आ हिंदी भोजपुरी के पत्रिका – भोजपुरी ज़िन्दगी ( संपादक – संतोष कुमार), डिफेंडर ( संपादक -धनञ्जय कुमार सिंह), आ भोजपुरी के ठेठ पत्रिका – लकीर ( जमशेदपुर से – सम्पादक – श्री गंगा प्रसाद अरुण जी).
सर्व सम्मति से इ निर्णय लिहल गईल कि भोजपुरी के आंठ्वी अनुसूची में शामिल करावे खातिर प्रधानमंत्री समेत अनेक मंत्री आ संसद के पत्र लिखल जाई ताकि संसद के शीतकालीन सत्र में भोजपुरी से जुडल बिल पास हो सके.
एह गोष्ठी में प्रवाशी शक्ति पत्रिका से श्री राज कुमार जी, पुरवैया से सचिव श्री नागेन्द्र सिंह जी, क्षितिज, हर्ष, रंजू, योगेश कुमार, भाई बी के सिंह जी ( संचालक – श्री ज्ञान गोंग्त्री विकास संस्था) आदि लोग भाग लिहल ।
कार्यक्रम के समाप्ति पुरवैया संस्था के प्रेसिडेंट श्री राजदीप सिकदर के धन्यवाद ज्ञापन से भईल ( रिपोर्ट – भोजपुरी ज़िन्दगी/ 23/ 11/14)
-संतोष पटेल जी के एगो रिपोट