स्त्री स्वर-
सांवरिया आ जइतs एक बार
अंखियाँ कब से राह निहारे, नैना तड़से हमार
सांवरिया आ जइतS एक बार….
पानी बिन मछरी के जइसे, तड़पी रोज पिया
तोहरे याद मे बेसुध होके, भटकी रोज पिया
दिने-दिन प्यास बढ़त बा ,लागेना जीया हमार
सांवरिया आ जइतS एक बार….
भूल भइल का हमसे राजा,आके दS तू बता
कवना बात केSऐ तू राजा, देत बारS सजा
प्रीत के रीत में दर–दर भटकी,सुन ल हमरो गुहार
सांवरिया आ जइतSएक बार….
आके पूरा जा लाल के लालसा कहेले लाल बिहारी
अब ना अइसे काम चलीS, बुझS तू हमरो लाचारी
तड़प-तड़प दिन रात बीतेला, कब होई मिलन हमार
सावरिया आ जइतS एक बार….
पुरुष स्वर-
तोहरे प्यार में तड़पी धनिया, मानवा बेS करार
बार-बार ई हे हम सोंची. कब होई मिलन हमार
ये धनिया आइब एहSऐतवार, ये धनिया आइब एहSऐतवार,
सांवरिया आ जइतS एक बार….सांंवरिया आ जइत एक बार
गीतकार- लाल बिहारी लाल
पढ़ीं: