परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आयीं पढ़ल जाव देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल भोजपुरी गीत घरहीं में रहीं, रउवा सब से निहोरा बा कि पढ़ला के बाद आपन राय जरूर दीं, अगर रउवा देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल रचना अच्छा लागल त शेयर आ लाइक जरूर करी।
कोरोना के लेके जवन लॉक डाउन भइल बा ओह प एगो पत्नी अपना पति से का कहतरी एह भाव के साथ भोजपुरी गीत घरहीं में रहीं
दूर-दूर रहे के बा इहे बात कहीं
हमार पिया घरहीं में रहीं,
एकइस दिन दुख सहीं
हमार पिया——–में रहीं।टेक।
एक मीटर दूर सभे दोसरा से रहे
घरी घरी हाथ धोइं इहे सभे कहे
एकर उपाय बा इ सही
हमार पिया——-में रहीं।टेक।
कबहूँ अगर रउरा बहरा में जाईं
मुंहवा प मास्क के जरुरे लगाईं
भीड़ भाड़ में ना कतहीं रही
हमार पिया——-में रहीं।टेक।
हमरा जीनीगीया के रउरे सिंगार जी
घरहीं में रहिके करीं ना खुब प्यार जी
का का बनाईं रउरा कहीं
हमार पिया——-में रहीं।टेक।
चीन के कोरोना कइल कारिस्तानी
धन जन मानवता के कइले बा हानी
दुनिया के बन्द होइ लागता खाता बही
हमार पिया——–में रहीं।टेक।
राय के कहल बात गांठ बान्हि लीहीं
सभका के रउरो सलाह इहे दीहीं
भोगी उहे जे घुमि घुमि माठा महीं
हमार पिया——–में रहीं।टेक।
सकुचाइल नजर
शायरी-नेकी के नियत ना तोपले तोपाई
बाउरे रही बदी चाहे कतनो धधाई,
सांच के आंच छनही में लउकी ना
लागल कबो त इ कबहीं ना बोताई।।
सुनीं आ सुनाईं का ना हमरा बुझाला,
अजबे भइल नीति ना कहले कहाला।टेक।
मानवता के मोल त धुँआ बनिके उड़ल
छल आ कपट से नाता सभके बा जुड़ल
नीमन कहल बात ना केकरो सोहाला।टेक।
जाति अउर धरम में बटा गइल दुनिया
धोखा आ भरम के बनल सभे मुनिया
टोपी आ टीका के सगरो बा हाला।टेक।
तितिका में नीति के भसम भइल भाव जी
डगमग डेराइल बढ़त बा इ पांव जी
नीमने के नोचि के बाउर कहाला।टेक।
लालच में रग-रग रंगा गइल दुनिया
भरम में भाव के भुला गइल दुनिया
निर्मल मन प रोज करीखा पोताला।टेक।
सुसुकत सकुचाइल उठत इ नजर बा
डेगे-डेगे रेगनी से भरल इ डगर बा
अछइत आँखि राय अन्हरा कहाला।टेक।
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