मैथिली-भोजपुरी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित नाट्योत्सव के धमाकेदार शुरूआत दिल्ली सरकार के कला-संस्कृति मंत्री श्री कपिल मिश्रा आ अकादमी के उपाध्यक्ष श्री संजॉय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ भइल। 21 फरवरी से 23 फरवरी तक चले वाला एह महोत्सव के पहिला दिन मुंशी प्रेमचंद के सुप्रसिद्ध कहानी ठाकुर का कुआं पर आधारित भोजपुरी नाटक ठाकुर के कुइयां के मंचन भोजपुरी के सुप्रसिद्ध नाट्य संस्था रंगश्री द्वारा कइल गइल।
भोजपुरी नाटक ठाकुर के कुइयां के बारे में
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी के मूल हिंदी कहानी के नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना, अनुवाद आ निर्देशन लव कान्त सिंह के रहे। ई नाटक दर्शकन के साथ-साथ अकादमी के उपाध्यक्ष आ सभ अधिकारी लोग के भी बहुत पसन्द आइल। नाटक में जातिवाद, छुआछूत आ अमीरी-गरीबी पर जोरदार प्रहार त भइले बा साथे-साथ एक ओर जहाँ मानवीय मुल्य में हो रहल गिरावट त दोसरा ओरी पानी जईसन ज्वलंत मुद्दा पर भी सभे के सोंचे पर मजबूर करत बा। एह कहानी के भले प्रेमचन्द जी अपना समय के समस्या पर लिखले बानी बाकी ई समस्या आजो समाज में बा भले ओकर रूप तनी बदल गइल बा। एह नाटक में जौना तरह से पानी खातिर गंगी गांव भर के लोग के पास भटक रहल बिया ठीक ओइसने स्थिति आज विश्व भर में बा, हर साल सैंकड़ो जीव-जन्तु, पशु-पक्षी सूखाड़ के कारण काल के गाल में समा जातारे। इन्सान में आपसी सहयोग के भावना के कमी भइल बा जवन एह नाटक में भी बहुत प्रभावी तरीका से देखावल गइल बा। अन्त में जोखू उहे गन्दा पानी पिए खातिर मजबूर हो जाता जवना से हमनी के सीखे के होई की अगर हमनी अभियो सचेत ना भइनी त एक दिन इहे हाल हमनी के भी हाई।
सभागार में उपस्थित दर्शकन के ताली के गरगराहट ई बतावे खातिर काफी रहे कि अगर भोजपुरी में सकारात्मक कथानक के राखल जाई त अश्लिलता के जवन धब्बा भोजपुरी पर लागल बा उ कम होई। रंगश्री सन् 1978 से एही काम में लागल बा कि कम से नाटक अइसन होखो जवना के सभे परिवार के साथ बइठ के देख सको।
भोजपुरी नाटक ठाकुर के कलाकार
ठाकुर के कुइयां में अखिलेश पाण्डे जोखू, मीना राय गंगी, उपेन्द्र सिंह चौधरी ठाकुर, सौमित्र वर्मा साहु आ मुंशी, आर जी श्याम मफतलाल, लव कान्त सिंह पंडित, मुन्ना कुमार बिसेसर, विकास प्रसाद सेवक, धिरेन्दर कुमार काशी, रविकान्त लठैत के साथ-साथ सुचित्रा सिंह आ वीणा वादिनी ठकुराइन के भूमिका बहुत प्रभावी तरीका से निभावल लोग। बाल कलाकार में स्पर्श गोयल सुथनी, आदित्य राज बहारन आ परन्तप बदलु के रूप में अपना अभिनय से सभे के बहुत प्रभावित कइलन। रंगश्री के सब कलाकार अपना उम्दा अभिनय से दर्शकन पर छाप छोड़े में सफल रहल। नाटक में गीत-संगीत आ ध्वनि रहे रंगश्री के संस्थापक आ वरिष्ठ रंगकर्मी श्री महेन्द्र प्रसाद सिंह के आ पार्श्व गायन में सहयोग रहे राजा सिंह के, प्रकाश व्यवस्था पर रहस पुनीत तिवारी।
अन्त में अकादमी के उपाध्यक्ष श्री संजॉय सिंह भोजपुरी नाटक में आपन बहुमूल्य योगदान आ अकादमी द्वारा अयोजित नाट्योत्सव में भाग लेवे खातिर रंगश्री के संस्थापक श्री महेन्द्र प्रसाद सिंह के गुलदस्ता देके सम्मानित कइनी आ अकादमी के अतिथि श्री ब्रह्चारी जी महाराज एह नाटक के निर्देशक श्री लव कान्त सिंह के गुलदस्ता से सम्मानित कइनी।
रंगश्री आ भाई लवकांत के बहुत -बहुत बधाई आ धन्यवाद। भोजपुरी के दिया अइसहीं जरत रहे।