परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प , रउवा सब के सोझा बा बब्लु सिंह जी के लिखल भोजपुरी व्यंग बवालिया आज मजाक के मूड में ना, सीरियस वाला मूड में बा !
आज आई सभे राजनितिक भइया, पितिया लो कुछ कहल सुनल जाव !!
मन बड़ा विक्षिप्त बा, एह से इ बवालिया आज मजाक के मूड में ना, सीरियस वाला मूड में बा !!
पहिले तनिका ध्यान दी :— फेसबुक से हमके नफ़रत रहे, बहुते पुरान बात ह !! हमके लागत रहे कि आधुनिकता के चकर में कहीं ना कहीं हई लईकी लो, जे अपना के परोस रहल बा, जमाना के सोझा, उ हमनी के संस्कार ख़ातिर एगो पिशाच रूप में ह्रास कर रहल बा !!
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अब कुछ लोग कहीं कि तुम्हारी सोंच ही छोटी है !! त ह ए भईया हमके त परदा ही अच्छा लागेला भले जमाना छोटा सोंच वाला कहें !! अब मुद्दा पर आवतानी
शायद चार पांच साल पुरान बात ह !!
हमार महिला मित्र हमार आईडी जबरदस्ती बना देहली आ कहली कि :— अरे यार बस अच्छा खासा मनोरंजन हो जाता है इससे !!अकेलापन महसूस नहीं होता !! हम आसानी से एक दूसरे के संपर्क में रहते है !!
खुदे हमरे नाम से बना के ऊ चलावस !! समय बीतत गइल ! सोंच बदलल, लोग बदलल आ ओह बदलाव के वजह से हमार झुकाव एह सोशल मीडिया पर भइल !! ढ़ेर ना इहे कम से कम दू साल से एक्टिव बानी हम पूर्णरूपेण !!!
आपन विचार के आदान प्रदान होखे लागल !! आ जवन जिंदगी में सूनापन रहे :– उ हंस बोल के करीबी लो से मजाक कर के खतम होखे लागल !! तब एतना गन्दगी ना रहे एह फेसबुक पर !!!
अब हालात-ए-रुस्वाई का कहें बवाली — जेकर आपन कवनो वजूद भी नइखे समाज में , उहो फेसबूकिया नेता बनत फिरत बा !!
का करब कॉपी पेस्ट के जमाना आ गइल बा !! बड़ा आसान बा तर्क कइल, एने के बात ओने आ ओने के बात एने !!
कुछ दिन से देख रहल बानी कि राजनितिक गन्दगी एतना बढ़ गइल बा इंहावा ए भईया, कि सभे एह बहत नदी में डुबकी लगा रहल बा !!
त हमहू सोचनी ह कि —-
काहे ना एह मौका के भुनावल जाव,
आपन फायदा ना त ओह लो के करावल जाव
राजनितिक ज्ञान त हमके नइखे !! लेकिन जवन बा तवनो बहूत बा शायद !!
त हम अपना तरीका से बिस्लेषण कइनी ह त मन में एगो ख्याल आइल ह !!
खास कर ओह भाई लो से कहें के कोशिस बा, जे राजनीती के नाम पर हमरे धर्म के कमजोर करें पर तुलल बा !! आपन त कवनो वजूद कवनो प्रतिष्ठा समाज में त बा ना , आउर चल देहनी राजनीती करें !
आरे पहिले घर के चलावल जाला , फेर टोला मोहल्ला फेर गाँव — समाज से धइले एकर विकास होत जाला !
खुद के परिवार के कवनो ठिकाना नइखे, आ दू चार भेडियन के साथे चल देहनी समाज सुधारे !!
हाथ में दू तीन हज़ार वाला मोबाइल ,आ जिओ के नेट ले लेहला के मतलब ई छूट नइखे कि, कुछ भी अपशब्द बोल के या कुछ पोस्ट डाल के ,समाज के तुड़े वाला काम होखे !!
कभी सोंचिले कि ,अइसने लोग जवन आपन वोट आ व्यक्तिगत फायदा ख़ातिर, अपना धर्म से गद्दारी कर रहल बा, शायद अइसने लोग गुलामी कइलस अतीत में ,आ ओकर दाग पूरा सनातन धर्म पर लागल !!
एक बात आउर राजनीती आपन दम, आपन प्रतिभा, आपन शख्शियत, आपन वजूद से होला !!
अइसे कवनो पार्टी के झंडा ढोवत,,, समाज में द्वेष पैदा करी के !! धर्म के कमजोर कर के ना होखे !! ई आग जवन धधकत रहल ह सीना में,,,रउवा सभ सोंचत होखब कि काहे त कारण बा —
राजनीती करें के बा राजनीती करी सभे ,लेकिन अपशब्द के बढ़ावा दे के,गन्दगी फईलावल उचित नइखे !! तर्क वितर्क अच्छा चीज ह, होखे के चाही परन्तु — अधजल गगरी छलकत जाये वाला कहानी के चरितार्थ मत करी लो अपना गन्दगी से !!
ह त फायदा करावे वाला बात ई रहल ह कि — जेकरा इ वहम होखे कि 2019 में गठबंधन के सरकार बनी आ पप्पू प्रधानमंत्री बनिहे , त उ लो आवे आ बेजाप्ते कोर्ट से एफिडेविट सम्बंधित कार्य प्रणाली पुर्ण कर के ,लाखो के शर्त राख़ लेवें लो ए भईया !!
दुइये चीज — हार ना त जित !! चित ना त पट !!
RSS समर्थित पार्टी हमार आ पूरा कूड़ा कचरा तोहार!
परन्तु एगो निहोरा बा, फेसबुक पर गन्दगी मत फ़ैलाई लो,,,डाले के बा त आपन विचार डाली सभे सभ्य तरीका से !! हमके राजनीती के शौक नइखे पर धर्म पर उंगली उठल
त बर्दास्त नइखे ,आ इ भरम भुला जाये के होई कि हमनी में मत भेद बा !!
हंसुआ केतनो भोथर होई, अपने तरफ खींची !!
काहे से कि अब के नवयुवक ब्रह्मेश्वर मुखिया आ गोडसे जी के बारे में पढ़त बाड़े !!
अच्छा फेर बतकही होई, तब तक ख़ातिर विदा चाहब हमार स्वलिखित कविता के साथे
मोहनदास गाँधी को, सिने मे गोली मारी थी,
भागा नही था, मर्द था वो, अपनी गिरफ्तारी दी ||
देश को और टुटने से बचा,
चले गये महात्मा नाथुराम,
अत एव भेजे थे इनको शायद,
रघुपति राघव राजा राम !!
गाँधी ने जब देश को, तोडने का षडयंत्र रचाया था,
मार के उसको, इन्होने तब देश को बचाया था ||
राजनिती के दल्लो ने,
देशद्रोही साबित करवा डाला,
हमे फख्र है ऐ नाथु जी,
माँ भारती ने आपके हाथो उसे मरवा डाला ||
एक विर सेनानी के जैसे, आपने कदम उठाई थी,
देश हित के लिए आपने, उसपे गोली चलाई थी ||
सत् सत् नमन है मेरा,
हे देशभक्त महात्मा नाथुराम,
बदौलत आपके गा रहे हम,
रघुपती राघव राजाराम ||
आपके हर जन्म तिथी पे, फुल श्रद्धा भाव चढाँउगा ,
देश हित मे कहे “”बब्लु”” मै भी तमंचा उठाऊँगा ||
कर दूँगा छलनी उस सिने को
जो गाँधी जैसे सपने सजाएगा,
आपने जो हश्र किया गाँधी का,
वही परिणाम वो पाएगा ||
जाग उठा है सब नौजवान,
नवयुग हे महात्मा नाथुराम,
अत एव भेजे थे आपको शायद,
रघुपति राघव राजा राम ||
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