जीवन के हर क्षेत्र में सहजोग के ज़रूरत परेला काहे कि आदमी के शक्ति सीमित बा। कठिन कार्य के सम्पादन में सहजोग चाहीं। चना व्यक्ति के प्रतीक बा आ भाँड़ कठिन कार्य के। भाँड़ के आरथ हाँडी होला। एगो चना से भड़भूजा के हाँडी ना फूटेला। सम्भव बा की ज्याद चना भुजला से ऊ फुट जाय, हाँड़ी जइसन विकृति सामजिक के फोड़े खातिर सामूहिक शक्ति के अपेक्षा बाटे । एक कहावत मे सामूहिक शक्ति या ऐक्यबल के महत्व के ओर संकेत बा।
अकेले कउनो काम कइल बड़ा मुश्किल होला लेकिन केहू के साथ मिल जाव त मुश्किल आसान हो जाला।