हमनी किसनवन के इहे बा जिनिगिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
जाड़ घाम बरखा सहि-सहि दिन रतिया
खूनवा जराइके कराइले नू खेतिया
आसरा लगाइके गढ़ाइले पिरितिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
खेतिया करावे में बहुते लागे खरचा
फेंट में रुपइया ना,लेवे के परे करजा
ऊपर से घर परिवार के खरचिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
दइब निरदइया के भइले बाम नेतिया
कबो सूखा कबो बाढ़ कइले रे अनेतिया
खेत के अनाज नाहि आवे खरिहनिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
दिने-दिन बढ़े जमाखोरी महंगइया
हमनी के केहू नाहि बाटे पूछवइया
जियल पहाड़ भइले कटे ना उमिरिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
अब का करीं हो बाबू कहां जाईं भइया
कइसे सधी करजा कइसे बीती हो समइया
फंसरी लगाईं आ कि खाईं हम महुरिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
हमनी किसनवन के इहे बा जिनिगिया
इहे बा जिनिगिया हो ना ।
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पहिलका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : दुसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : तिसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : चउथा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पांचवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : छठवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : सातवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : आठवाँ दिन