हमरा विसवास बा रउवा की जोगीरा डॉट कॉम के इ देहाती गारी के संग्रह रउवा पसन पड़ी आ राउर आपन लइकाइ इयाद आ जाइ। इ देहाती गारी के संग्रह मे के ढ़ेर गारी तऽ रउवा दू गो मेहरारून में झगड़ा होखला प सुनले होखेब।
जरूर देखीं: कइसे भोजपुरी सिखल जाव | How to learn Bhojpuri
भोजपुरी में अपशब्द (गारी) आ ओरहन देवे के भी एगो आपन तरीका बा, शैली बा आ भोजपुरी मे गारी के एगो आपन स्थान आ जगह बा।
आपन भोजपुरी में शब्दन के कमी नइखे, एगो खोजेब दस गो मिली।
हम त लइकाइये से अपना इया, बाबा भा पुरनिया से गारी सुनले बानी, हमहीं काहे हमरा बुझता की सब केहू अपना लइकाइ में बदमाशी कइले होइ आ अपना बड़ से, माई बाप से, मास्टर साहेब से जरूर गारी सुनले होइ।
इहो देखीं : भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
टीम जोगीरा रउवा से निहोरा करता अगर रउवा कतहुँ गलती लउकता तऽ जरूर बताइ हमनी के जरूर सुधार करेम सन।
भोजपुरी में उपयोग होखे वाला कुछ देहाती गारी
- ई त बड़ा तिरछोल बा रे!
- आदमी हउअ की बानर
- चउपट
- चपाट
- घचाक
- बकलोल
- बोका
- नाती के बेटा
- मार के भर्ता बना देब
- बहलोल
- चिरकुट हउवे का
- जीनगी भर “छूछूनरे” रह गइल$
- भकचोन्हर
- नतिया
- भकभेलर
- करमुहा कहिं के
- मंगधोअनी
- मुह झउसा
- सतभतरी
- बड़का पाड़ा ह
- बनरी के जात
- अनेरा
- तोर मंगिया धो देब
- तोर मंगिया मे कोईला दर देब
- चिरकुट कही का
- दत्तचियार
- कुलबोरन
- गरजऽ मत
- तोरा उफर परो
- कीरा परो
- तोरा मुँह में फूला परो
- कोढ़ फुटो
- राख लगा के जीभ खींच लेब
- तर-उपर लाठी धऽ के जांत देब
- सोझे दुआरी आगी लगा के फूंक देब
- बाती छटका देब
- गड़ाए गइल बा
- तोपाए गइल बा
- मुआ के बरम्ह पुजेब
- मांग में आगिए जोर देब
- मोंछ उख़ाड लेब
- टेढ़ होके चलबे त डैने अइंठ देब
- करिखही हा़ॅडी से मारेब
- चूल्हिए में जोर देब
- जीभ खींच लेब
- खत काट लेब
- बोकला छोड़ा देब
- छाल खींच लेब
- उमकल छोड़ा देब
- घेंट अइंठ देब
- लसार-लसार के मारेब
- दाँत लगा-लगा के मारेब
- लुआठी खालेऽ
- घरी-घरी खेपऽतानी
- तहार घरी निअराताऽ
- हमरे हाथे लिखऽता
- बइठल विषकुल्ला कइले बा
- ठुसुर-ठसुर करऽ ता
- बड़ा अगराइल बाड़ी
- धधा गइल बा
- अपना के धनुकाइन भइल बाड़ी
- बड़ा चोना करऽ तारी
- नव जाने ली छव ना जाने ली
- बड़ा खेलाड़ी बिआ
- ओकर बात सुनते देह में आग लग गइल
- तोरा दादा के हाड़ में कबड्डी खेलार्इं
- खिसिए जर के अंगार
- एगो खल के बाड़े
- उनचास हाथ के अंतरी बा
- इनकर थाह लगावे वाला केहू नइखे
- बसवा देहले
- नीच-ऊँच नइखन बूझत
- हाथ दुमावत गइले हाथ दुमावत अइले
- घीनाऽ देहले
- खीं-खीं खीं-खीं दाँत मत चिआरऽ
- तेजी देखावऽ तारे
- बढ़नी मारो इनका चाल सुभाव के
- भल बाड़ऽ हो
- ओकरा पसंगों में नइखन
- लोहू ढरका देब
- नटिये अइंठ देब
- बरम्हाड़े फोर देब
- लाद फार देब
- टंगरी चीर देब
- नाल ठोक देब
- भुभुन फोर देब
- घघेली जांत देब
- खान देब
- पांजर छटका देब
- बाती तूर देब
- बाई मरले बा?
- लकवा मरले बा?
- बीख मत हगऽ
- बीख मत पादऽ
- बीख मत ढीलऽ, ना तऽ
- मरकी लागो
- बजर परो
- खलर परो
- आग लागो
- जरो धनको
- तोरा माटी लागो
- काया में घून लागो
- चुआती लागो
- पेट बिहंस जाइत उ फाट जाइत (पेटक्कड़ों पर व्यंग्य)
- बढ़नी लागल बा उ विपत्ति
- अनसोहातो उ बिना बात के
- रहनदारी उ
- लोर टप-टप गिरत रहे
- पूल जइसन देह
- फूल के कुप्पा उ गभुआइल
- लाटा लगावे ले
- तू जवन करऽ तारऽ तवन ठीके बा
- एक दिन रोवे के आँख ना जूरी
- छोड़ऽ हटावऽ जाए दऽ
- नीच के संग नीच ना बने के
- चोना करऽ तारी
- झमकल बाड़ी
- अगराइल बाड़ी
- भवचर जानऽ तारी
- चौरासी भरमऽ तारी
- अपना में लगावत नइखी
- लौका बिजली भइल बाड़ी
- कसहा थरिया खानि गनगनाइल बाड़ी
- बड़ा वरनकल बाड़ी
- बिरिनिआइल बाड़ी
- हम त अपने छतीसा हर्इं, हमरा के जन पढ़ावऽ
- करिख जिभ्भी
- अकलमरुआ
- मुँहधोवा
- कर्कशानारी
- मुँहचोर
- दलिद्दर
- अघोरी
- मुँहफट
- हरामखोर
- लंठ
- चुगलखोर
- बहुबंश
रउवा खातिर:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पहिलका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : दुसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : तिसरका दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : चउथा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : पांचवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : छठवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : सातवा दिन
कइसे भोजपुरी सिखल जाव : आठवाँ दिन
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