हमनी के नस में ना बचल अब खून
नसे नसे देहिया में बहत अब पानी बा
चुहेड़ा चुहेड़ी बनी एने ओने भटकत
भारत के गौरव भोजपुरिया जवानी बा
जहा बुढवा बुजुर्ग गावे जवानी के गीत
उहा चुनरी आ चोली में भुलाइल रवानी बा
जहा धरती उपजत रहे सोना अउ चानी
आज कल के बबुवा बेचत उहा ताड़ी बा
@ पंकज प्रवीण