हमनी के छोड़ी के नगरिया ए बाबा
कि आरे बाबा छोरि दिहलें घर परिवार कवन बनवा माई गईली हो
हमनी के छोरि के नगरिया ए बाबा
कि आहो बाबा सूनी कई के घरवा-दुवार कवन बनवा माई गईली हो
गउवां के लोगवा केहू-केहू से ना बोले
छोटका लइकवा भोर ही से अंख नहीं खोले
सुनसान भइली डगरिया ए बाबा
कि आरे बाबा निमिया हो गईल पतझार कवन बनवा माई गईली हो
कईसअ हो बाबा हमरी माई से मिला द
सपरो तजा के हमरो अरज सुना द
छोटका के छोटे बा उमिरिया ए बाबा
कि आरे बाबा परिलीं हम पउआं तोहार कवन बनवा माई गईली हो
कि आरे बाबा सूना कई के अंगना दुवार कवन बनवा माई गईली हो.
कृप्या हिन्दी में अर्थ समझाइये