सिपाही सिंह श्रीमंत जी के जन्म 8 मई, 1923 के बिहार के गोपालगंज जिला के मूंजा मटियारी गाँव में एगो किसान परिवार में भइल रहे। मैट्रिक के परीक्षा देबे के समय ही इहाँ का 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़ल रहीं। बाद में इहाँ का एम.ए., एम.एड. तक शिक्षा ग्रहण क के शिक्षा विभाग में जिला अधीक्षक के पद क सेवा कइनी हिन्दी आ भोजपुरी के अनेक विधा का माध्यम से इहां का साहित्य सेवा कइनी।
सारण जिला भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष, अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के साहित्य मंत्री आ महामंत्री, भोजपुरी अकादमी के सदस्य, प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़ के इहां का निरन्तर साहित्य सेवा में लागल रहनी। भोजपुरी में ‘उषा रानी’, ‘आंधी’, ‘जवानी के जगाइले’ काव्य संग्रह। ‘थरूहट के लोक गीत’ आ ‘छठ परमेश्वरी’ शोधपरक निबंध संग्रह के अलावे रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गीताजंलि के भोजपुरी अनुवादो कइलीं। ‘प्रतिनिधि कहानी भोजपुरी के’ आ ‘भोजपुरी निबंध निकुंज’ के सम्पादन में इहां के महत्वपूर्ण योगदान रहल बा। भोजपुरी आंदोलन के इहां का एगो जुझारू सेनानी रहीं। 15 जनवरी, 1940 में इहां के निधन भ गइल।
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