पियेले शराब गाँजा ताड़ी हमार पिया मिलले जुवाड़ी-२
तिलक मे बाबुजी जवन जवन दिहलन,
गरदन के हार बेच शराब गाँजा पियलन,
बन्हकी धराईल हुंडा गाड़ी हमार पिया मिलले जुवाड़ी-२
खेत बाड़ी गहना सब दाव पर धराईल,
घारवा दुवार सस्ते मे बिकाईल,
हार गईले तन पर के साड़ी हमार पिया मिलले जुवाड़ी-२
काल्ह तक लोग कहे बड़का घराना,
घरवा मे आज नईखे डगरल दाना,
रोजे उपास रहे हाँड़ि हमार पिया मिलले जुवाड़ी-२
रोंवा-रोंवा जेकर भरल बाटे ऋण से,
चिंता से कहीयो सुती नाही नीन से-२
राशन ना देवे माड़वाड़ी हमार पिया मिलले जुवाड़ी-२
पंचानन्द पिया के तनी समुझा द
नाही त भरत नईहर पहुँचा द
नाही त अकेले धलेम गाड़ी हमार पिया मिलले जुवाड़ी
पियेले शराब गाँजा ताड़ी हमार पिया मिलले जुवाड़ी-२
—भरत शर्मा