नीको ना लागे मोर भउजी के अब रहनीया
नीक लागत रहली जब बनल रहली कनीया
बीउ्टी पालर के करतुत धोखा देहलस भाई के
हमार धरो के परीवार लोग कहे भौजी के बन्हीया,
आज इ हाल भईया के हो गइल बा आपन धरे मे
जइसे गाँव के बरात मे बनल बानी नाच के नचनीया,,
हँसी हँसी भाई के बड़ा तीरीया चरीतर बतावेली
लघुरा देवरवा के खटवा के बरबाद कर देहली जवनीया,,
अब हम कम्पलेन करी जाके कउन चौकी थाना मे
साँच कहतानी बड़ा गुण बा हमार भइया के जनाना मे
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ससुरा के बाती पुछे सखीया संधाती,
अरे सखीया रे आरे सखीया,
कइसन दुल्हा मीलल बारे हो राम,,
सुनी सुनी बाती मोरी सीहरे बदनवा मोरी
आरे सखीया रे, कइसे के करी पीया के गुणगाण हो राम,,
हम त बसी नीर्मोही के दृार,
अचके मोर छुटे संसार,,अरे सखीया रे नीर्मोही ना बुझे मोर दुखवा अपार हो राम….
संधे बीताइम जींदगी,कहे हम जीवन के संघी,,त काहे के पीया के काँधे उठे डोली मोर हे राम