गंगा माई के उँची अररिया तिरियवा एक रोवेली होँ,
ए गंगा मइया अपने लहर मोहे देतु त हम धँसि मरति हो,
किया तोरा ए तिरिया नइहर दुख….. किया ससुर दुखहो।
ए तिरिया किया तोरा कन्ता विदेश कथिये दुखवा रोवेलु हो।
नाहि हमार ए गँगा मईया नइहर दुख, नाहि ससुर दुख हो,
ए गँगा मइया नाहि मोरा कन्ता विदेश, कोखिय दुखवा रोवेनी हो